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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तहसीलदार हंडिया को जारी किया कारण बताओ नोटिस

हाई कोर्ट ने प्रयागराज के हंडिया तहसीलदार अनिल वर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों न न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाय? यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने जगुवा सरायपीठा निवासी खेमराज की याचिका पर दिया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 08:37 PM (IST)
हाई कोर्ट ने प्रयागराज के हंडिया तहसीलदार अनिल वर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज के हंडिया तहसीलदार अनिल वर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाय? यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने जगुवा सरायपीठा निवासी खेमराज की याचिका पर दिया है।

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कोर्ट के आदेश नहीं किया तहसीलदार ने पालन

याचिका पर अधिवक्ता आरएन यादव ने बहस की। इनका कहना है कि ग्रामसभा देवा की सरकारी बंजर जमीन पर अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई चल रही है। कोर्ट ने तहसीलदार को उसे तय करने का निर्देश दिया, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। इस पर दाखिल अवमानना याचिका पर कोर्ट ने 13 अगस्त 2021 को दो माह में धारा-67 की कार्रवाई पूरी करने का अतिरिक्त समय दिया। इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया।

शंभू बैरक के लोग भारी वाहनों से परेशान

इलाहाबाद हाई कोर्ट में भवन निर्माण का काम चल रहा है। निर्माण सामग्री ढोने वाले भारी वाहन शंभू बैरक से गुजर रहे हैं। इससे वहां रहने वाले लोग परेशान हैं। आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र के नेतृत्व में 15 निवासियों ने महानिबंधक को पत्र लिखकर भारी वाहनों का आवागमन करियप्पा रोड से कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया कि रात में भारी वाहनों के आने से धूल व जाम से सांस की बीमारी फैल रही है। इससे लोगों का जीना दूभर हो गया है। पत्र लिखने वालों में मुकेश यादव सभासद, जेपी शर्मा पूर्व सभासद, ओपी गुप्ता, डीएस लाल, बृजमोहन टंडन, किरन श्रीवास्तव, विमला रानी, राजीव साहनी शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री के बयान की निंदा

प्रयागराज : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष एसके गर्ग ने केंद्रीय विधि मंत्री के बयान की निंदा की है। कहा कि बेंच का गठन राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक है। इसके बावजूद मंत्री ने अनर्गल बयान दिया है। कहा कि आगे ऐसा बयान दिया तो विरोध किया जाएगा।


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