Allahabad High Court : आजाद पार्क स्थित संग्रहालय तक जाने के लिए एक गेट खोलने का निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनीबाग) प्रयागराज में स्थित राष्ट्रीय म्यूजियम (इलाहाबाद संग्रहालय) तक वाहनों जाने के लिए एक गेट खोलने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। साथ ही नजदीक ही पार्किंग की व्यवस्था करने को कहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनीबाग) प्रयागराज में स्थित राष्ट्रीय म्यूजियम (इलाहाबाद संग्रहालय) तक वाहनों जाने के लिए एक गेट खोलने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। साथ ही नजदीक ही पार्किंग की व्यवस्था करने को कहा है। कोर्ट ने पार्क में किसी प्रकार के वाहन के प्रवेश पर लगी रोक के अपने आदेश को संशोधित करते हुए यह आदेश दिया है।
सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक वाहनों के प्रवेश की अनुमति
कोर्ट ने कहा कि गेट केवल सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक ही खोला जाए, ताकि विजिटर आसानी से संग्रहालय में आ-जा सकें। इसके अलावा न खोला जाए। कोर्ट ने कहा कि आजाद पार्क का अपना ऐतिहासिक गौरवमयी इतिहास है, जो लोगों को स्वास्थ्य भी दे रहा है। भारी संख्या में लोग पार्क में सुबह-शाम टहलने आते हैं। पार्क की सुरक्षा, संरक्षण व रख-रखाव के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर राष्ट्रीय संग्रहालय में लोग आएं, इसे भी देखा जाना चाहिए। इसे प्रचारित किया जाना भी जरूरी है और विजिटर को आने दिया जाए। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने मधु सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। इलाहाबाद म्यूजियम सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. राधाकांत वर्मा ने संग्रहालय के ऐतिहासिक व शैक्षिक महत्व का उल्लेख करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा। उन्होंने विजिटर की लगातार घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की। साथ ही देश के इस चौथे राष्ट्रीय संग्रहालय में आने के लिए आजाद पार्क में वाहन प्रवेश पर लगी रोक पर पुर्नविचार करने का अनुरोध किया। संग्रहालय की ऐतिहासिकता और उपयोगिता के महत्व का लेखा पेश करते हुए वाहन प्रवेश की अनुमति मांगी। कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा संग्रहालय में प्रतिदिन जहां तीन से चार सौ लोग आने चाहिए। वहीं, 30 से 40 लोग ही आ रहे हैं। संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना 1876 में विलियम म्योर व राजा विजयनगर के दान से की गयी थी। उसे 1881 में बंद कर दिया गया। 1923-24 में इलाहाबाद म्यूनिसिपल बोर्ड के अध्यक्ष पं जवाहर लाल नेहरू के प्रयास से 1931 में दोबारा खोला गया। कोर्ट ने पार्क व संग्रहालय दोनों के महत्व को देखते हुए एक गेट खोलने का निर्देश दिया है।