इलाहाबाद हाई कोर्ट : कृषि विभाग के कर्मचारियों के टीकाकरण पर राज्य सरकार से जानकारी तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं कृषक कल्याण की रीढ़ माने जाने वाले कृषि विभाग के फील्ड कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करके प्राथमिकता के आधार पर उनके टीकाकरण के मामले में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कृषि उत्पादन एवं कृषक कल्याण की रीढ़ माने जाने वाले कृषि विभाग के फील्ड कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करके प्राथमिकता के आधार पर उनके टीकाकरण के मामले में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मामले की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मेरठ के छात्र रजत एरन की ओर से प्रस्तुत लेटर पिटीशन को जनहित याचिका में शामिल करते हुए दिया।
कृषि कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं
याची ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि गत वर्ष से लाकडाउन के बावजूद कृषि विभाग के कर्मचारी केंद्र व राज्य की कृषि योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचा रहे हैं। पंचायत चुनाव के बाद गांवों में पैर पसार रही महामारी का सामना करते हुए ये कर्मचारी खेतों तक जाकर किसानों को उन्नत बीज, खाद, कीटाणु नाशक, खरपतवार नाशक, किसान क्रेडिट कार्ड आदि उपलब्ध कराने में जुटे हैं। इसके अलावा कृषि की उन्नत तकनीकों की जानकारी भी करा रहे हैं। इसी कारण प्रदेश में अन्न का भंडार बना हुआ है एवं खाद्यान्न एवं दलहन की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने कृषि कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं दिया है, जिससे उन्हेंं टीकाकरण के लिए भटकना पड़ रहा है। प्रदेश में असंख्य कर्मचारियों की या तो मृत्यु हो गई है या संक्रमित हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों को भी फ्रंटलाइन वर्कर वर्कर घोषित करके प्राथमिकता के आधार पर इनका टीकाकरण कराया जाना चाहिए।