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काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाएं खारिज कीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के खिलाफ दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 04:09 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 09:19 PM (IST)
काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाएं खारिज कीं
काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाएं खारिज कीं

जेएनएन, प्रयागराज। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर की राह अब आसान हो गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कई भवन स्वामियों, दुकानों के किरायेदारों और कार्मिचेल लाइब्रेरी एसोसिएशन ज्ञानव्यापी ने इस प्रोजेक्ट को चुनौती दी थी। याचिकाओं में बेदखली पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इन याचिकाओं पर हस्तक्षेप से भी कोर्ट ने इन्कार कर दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने यंत्रलेश्वर गुप्ता व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। दरअसल, राज्य सरकार व मंदिर ट्रस्ट ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए कई मकानों को खरीद लिया है और गंगा नदी तक पहुंच मार्ग बनाने के लिए मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। किरायेदारों का कहना है कि इससे उनकी रोजी रोटी छिन रही है। कार्मिचेल लाइब्रेरी भवन में 26 दुकानें हैैं। इन दुकानदारों को बेदखल किया जा रहा है। इस भवन को राज्यपाल ने 15 फरवरी 2019 को खरीद लिया है।

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए एक मई को फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि याचियों को सिविल वाद दायर करना चाहिए। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। मंदिर ट्रस्ट की तरफ से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना था कि किरायेदारों को बिना नोटिस दिए जबरन हटाया जा रहा है। उनका पुनर्वास किया जाए।

वाराणसी में बन रहा काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह कॉरिडोर गंगा नदी से विश्वनाथ मंदिर तक बनाया जा रहा है। दिसंबर, 2017 में इस परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये मंजूर किये गए हैं। अब तक इस योजना के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को 183 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं।

कॉरिडोर में आने वाले मंदिरों, सड़कों और कई इमारतों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। दो पुराने पुस्तकालयों को भी इस परियोजना के तहत संवारने का काम किया जा रहा है। इन्हें डिजिटल लाइब्रेरी बनाया जा रहा है, जिस पर कुल 24 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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