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33 वर्ष तक अदालतों में चला Buffalo की सुपुर्दगी का मुकदमा...Allahabad High Court ने किया खारिज

क्रिमिनल रिवीजन में अपर मुंसिफ मजिस्ट्रेट के 20 अक्टूबर 1989 के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें आदेशित किया गया था कि बरामद की गई भैंस उसका बच्चा उसके मूल स्वामी को लौटा दिया जाए। इससे क्षुब्ध होकर अमृत सिंह ने आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaPublished: Sat, 01 Oct 2022 08:34 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 08:34 AM (IST)
मालिक को भैंस सुपुर्द करने का प्रकरण अदालतों में 33 वर्ष तक चलता रहा। हाई कोर्ट ने निस्‍तारण किया।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। एक अनोखा मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष आया। यह मामला था भैंस सुपुर्दगी का। पुलिस ने एक भैंस को पकड़ा था। उस भैंस को उसके मालिक को सुपुर्द करने का मामला था। हालांकि हाई कोर्ट ने इस मामले का अब निस्‍तारण कर दिया है। इस खबर के माध्‍यम से आप भी जानें कि यह रोचक मामला क्‍या है और किस जिले से संबंधित है।

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मैनपुरी के अमृत सिंह की क्रिमिनरल रिवीजन पर हाई कोर्ट ने दिया आदेश : पुलिस द्वारा पकड़ी गई भैंस को उसके मालिक को सुपुर्द करने का प्रकरण अदालतों में 33 वर्ष तक चलता रहा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मुकदमे को समय के साथ अर्थहीन मानते हुए खारिज करके निस्तारण कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश त्रिपाठी ने मैनपुरी के अमृत सिंह की क्रिमिनल रिवीजन पर दिया है।

20 अक्‍टूबर 1989 के आदेश को दी गई थी चुनौती : क्रिमिनल रिवीजन में अपर मुंसिफ मजिस्ट्रेट के 20 अक्टूबर 1989 के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें आदेशित किया गया था कि बरामद की गई भैंस, उसका बच्चा उसके मूल स्वामी को लौटा दिया जाए। इससे क्षुब्ध होकर अमृत सिंह ने आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी।

कोर्ट ने कहा प्रकरण करीब 33 वर्ष पुराना है, जो अर्थहीन हो चुका है : वर्ष 1990 में इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया गया। यह केस तबसे लगातार हाई कोर्ट में लंबित चला रहा था। गुरुवार 29 सितंबर को मुकदमा न्यायमूर्ति ओम प्रकाश त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई के लिए पेश किया गया। काेर्ट ने कहा कि यह प्रकरण लगभग 33 वर्ष पुराना है, जो अर्थहीन हो चुका है।


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