SC/ST एक्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश- सरकार को नोटिस देने के 7वें दिन कोर्ट में अवश्य पेश की जाए अर्जी
हाईकोर्ट ने कहा है कि एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध में जमानत अर्जी व अपील सरकार को नोटिस देने के सातवें दिन कोर्ट में अवश्य पेश की जाए। इस दौरान पुलिस पीड़ित या आश्रित को अर्जी की सूचना दे ताकि सुनवाई के दिन वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सके।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सामान्य समादेश जारी कर कहा है कि एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध में जमानत अर्जी व अपील सरकार को नोटिस देने के सातवें दिन कोर्ट में अवश्य पेश की जाए। इस दौरान पुलिस पीड़ित या आश्रित को अर्जी की सूचना दे, ताकि सुनवाई के दिन वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सके। वहीं अर्जी पर पुलिस जानकारी समय के भीतर उपलब्ध कराये जिससे आरोपित को न्याय मिलने में देरी न होने पाए।
इसी के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजीपुर, करकंदा थाना क्षेत्र के याची अजीत चौधरी को सशर्त जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। सह अभियुक्त को पहले ही जमानत मिल चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अजीत चौधरी की अपील पर दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि धारा 15-ए (3) व (5) में साफतौर पर कहा है कि पीड़ित या आश्रित कोर्ट कार्यवाही की सूचना दी जाए। उसे सुनवाई का हक दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित या आश्रित को नोटिस न मिलने या उसके हाजिर न होने के चलते अभियुक्त को अनिश्चितकाल तक सुनवाई से वंचित नहीं किया जा सकता, इसलिए पुलिस समय के भीतर कार्रवाई पूरी करे। सरकार को अर्जी / अपील की नोटिस के सातवें दिन पूरी जानकारी के साथ पत्रावली कोर्ट में पेश की जाए।