इलाहाबाद हाई कोर्ट का सीएमओ झांसी को निर्देश, गलत मेडिकल रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर पर की जाए कार्रवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीएमओ झांसी को कोर्ट को गुमराह करने वाली गलत मेडिकल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले दोषी डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) झांसी को कोर्ट को गुमराह करने वाली गलत मेडिकल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले दोषी डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच करके कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने शिवप्रताप सिंह उर्फ रामसिंदूर व शिवम गुर्जर की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। दोनों 28 जून 2020 से दोनों जेल में बंद हैं। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
अर्जी पर अधिवक्ता अश्विनी कुमार ओझा ने बहस की। कोर्ट यह देखकर अवाक हुई कि आपराधिक घटना में घायल को डॉक्टरों ने 13 चोटें बतायी और तीन दिन के भीतर दूसरी मेडिकल रिपोर्ट में केवल चार चोटें की दिखायी गयी है। जानबूझकर कोर्ट को गुमराह करने के लिए रिपोर्ट तैयार की गई। कोर्ट ने इस स्थिति को देखते हुए जानलेवा हमला करने के आरोपियों की कुछ शर्तों के साथ जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।
याची अधिवक्ता का कहना था कि आधा घंटे के भीतर झांसी के समथर थाना में दो एफआइआर दर्ज करायी गयी है। एक मनोज कुमार व दूसरी वंदना द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में लाठी, हाकी देशी तमंचे से हमला करने का आरोप लगाया गया है। श्यामजी को गोली लगी है। दो मेडिकल रिपोर्ट हैं। एक में 13 चोटें तो दूसरी में केवल चार चोटें की दिखायी गयी है। दोनो रिपोर्टें दाखिल कर घटना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये गये हैं। उसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और जांच कर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।