Allahabad Central University : गजब! हॉस्टल बंद फिर भी चल रहे पंखे और लाइट Prayagraj News
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बढऩे के बाद अचानक इविवि प्रशासन ने सभी हॉस्टलों को खाली करा दिया था। यहां से सभी छात्र-छात्राएं अपने घरों को चले गए। इस बीच वह जाते-जाते लापरवाही भी कर गए। इसका खामियाजा इविवि प्रशासन को भुगतना पड़ रहा है।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत ट्रस्ट के सभी हॉस्टलों में बिजली का बिल इस वक्त अंत:वासियों की लापरवाही से बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में इविवि पर राजस्व का वेवजह बोझ बढ़ रहा है। अब इविवि प्रशासन चाहकर भी इसे रोकने में नाकाम है।
दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बढऩे के बाद अचानक इविवि प्रशासन ने सभी हॉस्टलों को खाली करा दिया था। यहां से सभी छात्र-छात्राएं अपने घरों को चले गए। इस बीच वह जाते-जाते लापरवाही भी कर गए। इसका खामियाजा इविवि प्रशासन को भुगतना पड़ रहा है। हॉस्टलों में रहने वाले तमाम छात्र-छात्राओं ने लाइट और पंखे भी चला दिए। जो लगातार चल रहे हैं। ऐसे में बिजली का बिल भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इविवि प्रशासन चाहकर बढ़ते बिजली को बिल रोकने में सक्षम नहीं दिख रहा है।
नोटिस दर नोटिस ने बढ़ाई परेशानी
इविवि के हॉस्टलों पर पहले से छह करोड़ 96 लाख रुपये बिजली का बिल बकाया है। ऐसे में इस माह बिजली का बिल देखकर खुद हॉस्टलों के अधीक्षक भी चकरा गए। जब हॉस्टलों में छात्र ही नहीं है तो बिजली का बिल कैसे अधिक आया। इसे लेकर वह अचरज में पड़ गए। जब इसका हकीकत खंगाला गया तो पता चला कि छात्र पंखे और लाइट का स्विच ऑन कर चले गए हैं। ऐसे में लगातार बिजली विभाग की ओर से नोटिस भी इविवि प्रशासन को परेशान कर रही है।
किश्तों में जमा कराया जाएगा बिल
इविवि के डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर केरी सिंह ने बताया कि हॉस्टलों के बिजली बिल बकाए के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई है। सभी अधीक्षकों को पत्र भेजकर कहा गया है कि वह अपने हॉस्टलों का बिल जल्द भुगतान करें। इस संदर्भ में कमिश्नर आर रमेश कुमार के साथ हुई बैठक में भी चर्चा हुई। उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया कि हॉस्टलों के बिल अधिक हैं। ऐसे में अब किश्तों में बिजली बिल का भुगतान किया जाएगा। इस पर उन्होंने सहमति भी जताई है।