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सरहद पार पहुंची इलाहाबाद की अजादारी

इलाहाबाद की अजदारी की गूंज सरहद पार पहुंच गई है। इंटरनेट व सोशल साइट के माध्यम से जंग-ए-कर्बला की मंजरकशी की धूम है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 10:15 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:15 PM (IST)
सरहद पार पहुंची इलाहाबाद की अजादारी

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जंगे कर्बला में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की दर्दनाक मंजरकशी अब सोशल मीडिया के माध्यम देश-विदेश में देखी जा सकती है। इलाहाबाद की अंजुमनों के मातम, मजलिस, ताजियादारी और अजादारी का सीधा प्रसारण देश-दुनिया के देखा जा रहा है। यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर सहित इंटरनेट पर दर्जनों वेबसाइटें चर्चित एवं गली मोहल्लों के जुलूस, मजलिस, जुलजुनाह, अलम, ताजिया ऑनलाइन देखे जा सकते हैं।

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सात समंदर पार बैठे लोग माहे मोहर्रम में अपने शहर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले आयोजनों से सीधा जुड़ रहे हैं। खासकर शुरूआत के दस दिनों में मजलिस, मातमों में छलकता हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों के शहादत का गम सभी की आंखे नम कर जाता है। नगर की अजादारी और ताजियादारी से लाइव आप भी जुड़ सकते हैं। इलाहाबाद अजादारी.डॉटकाम, इलाहाबाद अजादारी ऑनलाइन, जुलूसे अमारी डॉटकाम, याद-ए-सकीना ऑनलाइन जैसी दर्जन भर साइटें नगर के विभिन्न हिस्सों में होने वाली अजादारी और ताजियादारी को सरहदपार के मुल्कों में पहुंचा रहे हैं। इरान, ईराक सहित दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले नागरिकों को अपने शहर की अजादारी और ताजियादारी से जुड़ने का खासा लगाव दिखाई देता है। रहते सऊदी में जुड़ाव यहां से..

सऊदी अरब में रहने वाले मो. शकील नगर के विभिन्न क्षेत्रों से निकलने वाले आयोजनों से सीधा जुड़ते हैं। यू-टयूब पर उनके मित्रों-परिवार लोगों द्वारा ताजियादारी को सीधा पहुंचा दिया जाता है। इसी प्रकार रानीमंडी के मेराज खान ईरान में रहकर पढ़ाई करते हैं। रानीमंडी, बख्शीबाजार और दरियाबाद के आयोजन अजादारी डॉटकाम के माध्यम से सीधे देखते हैं। दुनियाभर के लोग इलाहाबाद के जाकिरों, नौहाख्वान, साहिबे बयाज और नए पुराने नौहों की धुन का सीधा प्रसारण देखते और सुनते हैं।

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आज नहीं निकलेगा बड़ा ताजिया का अलम

करबला की शहादत की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम पर गम ए हुसैन मनाने का सिलसिला तेज हो गया है। मोहर्रम की दो तारीख गुरुवार को बड़ा ताजिया का अलम जुलूस नहीं निकाला जाएगा। मुतवल्ली रेहान खां के मुताबिक, शहर में कुंभ को लेकर विकास कार्य चल रहा है। ऐसे में प्रशासन का सहयोग करते हुए कमेटी ने फैसला लिया है कि इस बार अलम जुलूस नहीं निकाला जाएगा।

उनका कहना है कि अलम में छोटे बच्चे बड़ी तादात में शामिल होते हैं, ऐसे में हादसे से बचने के लिए ऐसा किया गया। कमेटी की बैठक में इमरान खां, जफर खां, जावेद खां, वसीम अहमद, अब्दुल कवि आदि मौजूद रहे। रेहान खां के मुताबिक, नौवीं और दसवीं पर ताजिया निकलाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।


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