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बलुआघाट के कार्तिक मेले में आइए, घरेलू उपयोग की सभी वस्तुएं ले जाइए Prayagraj News

घरेलू उपयोग की तमाम ऐसी वस्‍तुएं बलुआघाट के कार्तिक मेले में मिल जाएंगी। एक माह तक लगने वाले इस मेले में महिलाओं की अधिक संख्‍या नजर आती है। खरीदारी भी जमकर होती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 12:03 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:12 PM (IST)
बलुआघाट के कार्तिक मेले में आइए, घरेलू उपयोग की सभी वस्तुएं ले जाइए Prayagraj News
बलुआघाट के कार्तिक मेले में आइए, घरेलू उपयोग की सभी वस्तुएं ले जाइए Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। आज के हाईटेक युग में लोगों को समय का अभाव है। ऐसे में वह दुकानों और मॉल में जाकर खरीदारी करने के बजाय ऑनलाइन खरीदारी को महत्व देते हैं। विभिन्न कंपनियों की ओर से ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा भी उपलब्ध है। बस आर्डर करो और घर तक सामान पहुंच जाता है। इसमें छोटे से लेकर बड़े सामानों तक की घर पहुंचाने की गारंटी रहती है। वहीं आज भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो ग्रामीण परिवेश में रहते हैं या फिर ऑनलाइन खरीदारी से दूर हैं। उन लोगों के लिए एक माह तक खरीदारी की सुविधा बलुआघाट पर लगने वाले कार्तिक मेले में मिल सकेगी।

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घरेलू उपयोग की सभी वस्तुएं मिलती हैं कार्तिक मेले में

कार्तिक मास में एक माह तक प्रसिद्ध मेले का आयोजन मुट्ठीगंज स्थित बलुआघाट इलाके में होता है। इसमें स्नानार्थी यमुना घाट पर स्नान कर पूजन-अर्चन करते हैं। वहीं घाट तक जाने वाले करीब एक किमी लंबे रास्ते के दोनों ओर सड़कों पर दुकानें सजती हैं। दुकानों पर घरेलू उपयोग की ऐसी वस्तुएं मिलती हैं, जो वर्ष भर कम ही जगह मिलती हैं। यहां एक माह तक सब एक स्थान पर उपलब्ध रहती हैं। इसी कारण दिन भर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर भर की महिलाएं यहां आकर आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करती हैं। बच्चों के लिए खेल-खिलौने की भी दुकानें सजी रहती हैं।

कार्तिक मेला शुरू हो चुका है

बलुआघाट में एक माह तक लगने वाला कार्तिक मेला अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हो गया है। बलुआघाट गुलजार होने लगा है। इस्कान की तरफ से पूरे कार्तिक माह तक शाम को यमुना की आरती, कीर्तन और भजन होगा। पूर्णकांत और दीनदयाल प्रभु की अगुवाई में आरती और दीपदान शुरू हो गया है। वहीं घाट पर बाढ़ के साथ आई मिट्टïी का ढेर लगा है। मुख्य मार्ग की ज्यादातर लाइटें बंद पड़ी हैैं। महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम भी नहीं बने हैं। इससे पहले दिन यमुना में डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। वहीं प्रशासनिक व्यवस्था अभी यहां नहीं के बराबर है।


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