एक ही वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं सभी कोरोना संदिग्ध
एसआरएन (स्वरूपरानी नेहरू) कोविड अस्पताल के वार्ड नंबर दो में ही सभी को एक ही वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। इसको लेकर मरीजों में दहशत व्याप्त है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : एसआरएन (स्वरूपरानी नेहरू) कोविड अस्पताल के वार्ड नंबर दो में ही सभी कोरोना संदिग्ध भर्ती किए जा रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। रिपोर्ट आने तक इन मरीजों को इसी वार्ड में भर्ती रखा जाता है। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो मरीज को कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया जाता है और निगेटिव आने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है। यहा जाच रिपोर्ट आने तक सभी मरीज सामान्य स्थिति में एक साथ रहते हैं। और किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो उससे अगल बगल के मरीज सहम जाते हैं। इनमें कोरोना होने की संभावना बढ़ जाती है।
दरअसल, एसआरएन लेवल-थ्री का कोविड अस्पताल है। इसलिए यहा ज्यादातर गंभीर मरीज ही आते हैं। यदि किसी को तेज बुखार, सास लेने में तकलीफ जैसी समस्या होती है तो वह एसआरएन के ट्रॉयज एरिया में जाता है। वहा डॉक्टर लक्षण जानने के बाद यदि लगता है कि वह कोरोना संक्रमित हो सकते हैं तो उन्हें एसआरएन में ही वार्ड नंबर दो में रखा जाता है। वहीं से सैंपलिंग होती है और रिपोर्ट आने तक मरीज वहीं भर्ती रहता है। यदि इन मरीजों को अलग-अलग वार्डो में रखा जाए तो नान कोविड मरीजों को राहत मिलेगी। मरीजों के बढ़ने से हुई समस्या
एसआरएन कोविड अस्पताल के नोडल डॉ. सुजीत वर्मा ने कहा कि पहले कम मरीज आते थे तो संदिग्ध मरीजों को अलग-अलग वार्ड में रखने की व्यवस्था थी लेकिन अब मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा होने की वजह से सभी को एक साथ वार्ड नंबर दो में रखा जाता है। यदि कोई पॉजिटिव आता है तो वार्ड को सैनिटाइज कराया जाता है।