स्विस कंपनी से माघ मेला कार्यों की जांच के विरोध पर अड़ी अखाड़ा परिषद
सरकार कुंभ 2019 को ऐतिहासिक बनाने का दम भरी रही है। इसके लिए प्रयाग मेला प्राधिकरण का गठन कर दिया गया, जिसमें अखाड़ा को तवज्जो नहीं मिली।
इलाहाबाद (जेएनएन)। राज्य सरकार प्रयाग कुंभ 2019 को ऐतिहासिक बनाने का दम भरी रही है। इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन कर दिया गया, जिसमें अखाड़ा को तवज्जो नहीं मिली। वहीं कुंभ के कार्यों की निगरानी स्विस की कंपनी से कराने का निर्णय हुआ है। अखाड़ा परिषद इससे नाराज है। वहीं स्विस कंपनी एसजीएस इंडिया लिमिटेड से मेला कार्यों की निगरानी कराने को औचित्यहीन बताया जा रहा है।
कुंभ पर्व की भव्यता को लेकर राज्य सरकार ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण का नेतृत्व मंडलायुक्त को दिया गया है। अखाड़ा से जुड़े संत-महात्माओं को प्राधिकरण में शामिल न करने व मेले के कार्यों की जांच स्विस कंपनी से कराने का संत-महात्मा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्विस के लोग मांस, मदिरा का सेवन करते हैं। वहां के लोगों को सनातन धर्म के आध्यात्मिक वैभव व कुंभ मेला की कोई जानकारी नहीं है, ऐसे में सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके उनसे जांच क्यों करा रही है?
क्या करेगी निगरानी कमेटी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मेला प्राधिकरण से ऊपर संतों की निगरानी कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं। निगरानी कमेटी का अध्यक्ष अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को बनाने की मांग की है। कहा है कि इसमें 13 अखाड़ों के महंत, दंडी संन्यासी के अध्यक्ष, प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष व प्रयाग के प्रमुख संतों को शामिल किया जाए। इसको लेकर 29 दिसंबर को मठ बाघंबरी गद्दी प्रयाग में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया जाएगा, उस पर कार्रवाई न होने पर कुंभ बहिष्कार का निर्णय किया जा सकता है। संतों की निगरानी कमेटी प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कार्यों पर नजर रखेगी। संतों का दावा है कि हमारी निगरानी से अधिकारी ईमानदारी से काम करेंगे, जिससे कार्यों में गुणवत्ता होगी।
कैबिनेट से पास करें प्रस्ताव
संतों की निगरानी कमेटी को कानूनी मान्यता देने की बात की जा रही है। सरकार से मांग की जाएगी कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तर्ज पर वह संतों की निगरानी कमेटी का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कराकर राज्यपाल की मुहर लगवाए। अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि मुख्यमंत्री पर हमें भरोसा है कि वह प्रयागराज मेला प्राधिकरण से ऊपर संतों की निगरानी कमेटी बनाएंगे। ऐसा न हुआ तो अखाड़ा परिषद कड़ा निर्णय उठाएगा।