...तो बदल जाएगी नैनी सेंट्रल जेल में बंद बांग्लादेशी विजन राय की जिंदगी Prayagraj News
नागरिकता संशोधन बिल पास होने से नैनी सेंट्रल जेल में बंद बांग्लादेशी विजन राय के रिहाई की उम्मीद जगी है। चार माह पहले खीरी पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।
प्रयागराज, [ताराचंद्र गुप्ता]। नाम-विजन राय पुत्र जितेंद्र नाथ विश्वास। पता-ग्राम बोटियाखली बरालीहदा हजरीपुर, थाना श्रीपुर, जनपद मंगुरा बांग्लादेश। बता दें कि विजन वही शख्स है जो बचपन में पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से दाखिल हुआ था। उसकी उम्र तब करीब छह साल थी। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भीमपुर निवासी रवि राय पुत्र नीलम माधव को उस पर तरस आ गया। उन्होंने उसे अपना बेटा मान लिया। विजन इन दिनों नैनी सेंट्रल जेल में बंद है पर नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद उसकी जिंदगी में बदलाव की आस जग गई है, असमंजस के साथ।
पुलिस ने विजन और उसके मुंह बोले पिता को जेल भेजा
दरअसल डॉ. रवि राय प्रयागराज आ गए। वर्ष 1999 से खीरी थाना क्षेत्र के पौशाला गांव में क्लीनिक चलाने लगे। विजन भी उनके साथ वहीं रहने लगा। किसी अनजान बांग्लादेशी के इलाके में होने की भनक पुलिस और खुफिया एजेंसी को लगी तो छानबीन शुरू हुई। पश्चिम बंगाल से लेकर प्रयागराज तक तफ्तीश हुई। इसके बाद इसी साल 23 सितंबर 2019 को पुलिस ने विजन और उसके मुंह बोले पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रवि तो जमानत पर छूट गया है पर विजन जेल में ही बंद है। संसद से नागरिकता संशोधन बिल पारित होने के बाद यह सवाल असमंजस का सबब है कि विजन राय का क्या होगा? वैसे पौशाला गांव में ही रह रहे डॉ. रवि को उम्मीद जगी है कि विजन को नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन वह पशोपेश की स्थिति में हैं। दरअसल विजन के खिलाफ निजी स्कूल से फर्जी मार्कशीट, पासपोर्ट और वीजा बनवाने का भी मुकदमा दर्ज है।
विजन को लेना है फैसला
डॉ. रवि राय ने दैनिक जागरण से कहा कि विजन भारत में रहेगा या बांग्लादेश में, इसका फैसला उसे (विजन को) ही लेना है। अगर वह साथ रहेगा तो अच्छी बात होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002 में उसकी मुलाकात विजन से हुई थी। पत्नी की तबीयत खराब थी, इसलिए उसने उसे बेटे की तरह पाला था।
बांग्लादेश का नागरिक मो. जमाल भी सलाखों के पीछे है
कर्नलगंज पुलिस बांग्लादेश के नागरिक मो. जमाल व्यापारी को नवंबर में कंपनी बाग के पास से गिरफ्तार किया था। बांग्लादेश के फरीदपुर जिले में चौर भर्दोसन थाना क्षेत्र स्थित व्यापारी डांगी चौर हाजीगंज गांव निवासी जमाल ने भी पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। वह 15 साल से प्रयागराज में रहकर रिक्शा चलाकर व मंदिर में सफाई करके भरण-पोषण कर रहा था।