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पूर्व मंत्री वीके अग्रवाल भेजे गए जेल, विशेष कोर्ट में किया था सरेंडर

एमपी एमएलए में पूर्व मंत्री वीके अग्रवाल ने सरेंडर किया। विशेष कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर पुलिस अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेजा। दो मामलों में गैर जमानती वारंट था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 10:21 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 09:59 AM (IST)
पूर्व मंत्री वीके अग्रवाल भेजे गए जेल, विशेष कोर्ट में किया था सरेंडर
पूर्व मंत्री वीके अग्रवाल भेजे गए जेल, विशेष कोर्ट में किया था सरेंडर

प्रयागराज, जेएनएन। बदायूं के पूर्व मंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल ने गुरुवार को दो मामलों में विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में सरेंडर किया। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया। सुनवाई के बाद पूर्व मंत्री को पुलिस अभिरक्षा में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। दोनों ही मामलों में पूर्व मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था। 

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 पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज थे

बदायूं के कोतवाली थाने में आठ अप्रैल 2007 को पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज हुए थे। अनुमति के बगैर बैनर पोस्टर लगाने और वाल राइटिंग कराने के मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। दोनों ही मामलों में पूर्व मंत्री पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। गुरुवार को उन्होंने सरेंडर किया तो विशेष न्यायाधीश ने जेल भेजने का आदेश दे दिया।

पूर्व मंत्री ने खुद लिखी अर्जी 

विशेष कोर्ट में सरेंडर के दौरान पूर्व मंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल ने दो अर्जियां अपने हाथ से लिखकर लगाईं। सरेंडर अर्जी के साथ ही उन्होंने अर्जी लगाई कि उनकी तबीयत खराब है, ऐसे में इलाज कराया जाए। विशेष न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक नैनी को समुचित इलाज का आदेश दिया। पूर्व मंत्री की तरफ से अधिवक्ता नहीं आए, उन्होंने खुद अपना पक्ष रखा।

पूर्व विधायक के खिलाफ आरोप तय

फिरोजाबाद के पूर्व विधायक रामवीर सिंह के खिलाफ विशेष कोर्ट एमपी एमएलए ने आरोप तय कर दिया। हत्या व जानलेवा हमले के मामले में गुरुवार को विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने सुनवाई कर आरोप तय किए। इस मामले में आरोपित ने डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र भी पेश किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। 

क्या था मामला 

पांच नवंबर 2007 को फिरोजाबाद के जसराना थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। आरोप है कि रंजिश के चलते शशी यादव, वीरपाल और रामपाल पर हमला कर फायङ्क्षरग की गई। इसमें शशी यादव की मौत हो गई थी। इसी मामले की सुनवाई अब विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में चल रही है। 

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