कुंभ में एडवांस टिकट से होगा संग्रहालय का दीदार
इसके लिए कुंभ क्षेत्र के परेड ग्राउंड में लगने वाले संग्रहालय के शिविर में विशेष टिकट काउंटर खोला जाएगा। आजाद पार्क स्थित संग्रहालय से टिकट लेने की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी।
प्रयागराज : दिव्य और भव्य कुंभ का हिस्सा बनने देश और दुनियाभर से आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इलाहाबाद संग्रहालय ने भी विशेष तैयारी की है। कुंभ के दौरान श्रद्धालु एडवांस में टिकट खरीद सकेंगे, जिसकी वैधता तीन दिन रहेगी। इसके लिए कुंभ क्षेत्र के परेड ग्राउंड में लगने वाले संग्रहालय के शिविर में विशेष टिकट काउंटर खोला जाएगा। आजाद पार्क स्थित संग्रहालय से टिकट लेने की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी।
कुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालु शहर के अन्य पर्यटन स्थलों को भी देखना पसंद करेंगे। इनमें आनंद भवन, इलाहाबाद संग्रहालय प्रमुख हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए इलाहाबाद संग्रहालय ने तैयारी शुरू कर दी है।
निदेशक सुनील गुप्ता के मुताबिक- 'इस बार हम कुंभ मेला क्षेत्र में अपने शिविर में टिकट काउंटर खोलेंगे और तीन दिनों की वैधता वाले टिकट वितरित करेंगे, जिससे व्यक्ति तीन दिन में कभी भी संग्रहालय देख सके। यह सुविधा 15 जनवरी से सात मार्च तक रहेगी। संग्रहालय का समय सुबह सवा दस बजे से सायं सवा पांच बजे तक का है। गेट पर खड़ा रहेगा बापू स्मृति वाहन :
डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि प्रमुख स्नान पर्वो पर गाधी स्मृति वाहन को संग्रहालय के गेट पर खड़ा किया जाएगा। 12 फरवरी 1948 को गाधी जी की अस्थियों को संगम में विसर्जित करने के लिए इसी वाहन का उपयोग किया गया था। निदेशक ने उम्मीद जताई कि कुंभ में एक लाख से अधिक लोगों के संग्रहालय में आने की उम्मीद है। पंडाल में दिखाई जाएंगी डॉक्यूमेंट्री फिल्में :
कुंभ में संग्रहालय के पंडाल में गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें सरस्वती का उद्भव परिचर्चा के केंद्र में होगा। डाक्यूमेंट्री फिल्में भी दिखाई जाएंगी तो इस शहर की प्राचीनता, वैभव व पर्यटन स्थलों से परिचित कराएंगी। इसके अलावा हैंड क्राफ्ट की वस्तुएं भी प्रदर्शित की जाएंगी। क्या है संग्रहालय में खास :
इलाहाबाद संग्रहालय दूसरी शताब्दी से लेकर बाद के काल की आधुनिक युग की सुंदर मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। चंद्रशेखर आजाद की माउजर पिस्टल, महात्मा गांधी के अस्थि विसर्जन में प्रयोग किया गया वाहन, उनकी घड़ी, प्राचीन अस्त्र-शस्त्र, ऐतिहासिक कलाकृतियां, चित्रों, मूर्तियों और तस्वीरों को अच्छी तरह से संजोया गया है। स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की एक अनोखी मूर्ति लाल ईट वाले भवन के बाहर हैं, जिसमें वे अपनी मूंछों को ताव देते हुए दिखते हैं। यह संग्रहालय मूल रूप से 1931 में इलाहाबाद नगर पालिका के तत्वावधान में स्थापित किया गया था।