होली पर गुझिया बनाने को खोवा खरीदना है तो इन बातों का रखें ख्याल
अरारोट आलू शकरकंद और मैदा मिलाकर इन दिनों शुद्ध के साथ ही मिलावटी खोवा भी बेचा जा रहा है। होली पर खोवा की मांग अधिक होने की वजह से ऐसा दुकानदार कर रहे हैं।
प्रयागराज : होली पर्व पर गुझिया एवं अन्य पकवान घर पर बनाने की पुरानी परंपरा है। रंगपर्व निकट है, ऐसे में आप बाजार से खोवा खरीदने की सोच रहे होंगे। बाजार से खोवा खरीदते समय बहुत सावधानी बरतें। शुद्ध और मिलावटी खोवे की पहचान की जानकारी रखें। हम बताएंगे कि आप क्या करें और कैसे असली खोवा और मिलावटी की पहचान करें।
खोवा की मांग बढ़ी तो मिलावट भी बढ़ी
होली पर खोवा की मांग बहुत अधिक होने के कारण अधिकतर दुकानदार इसमें स्टार्च (अरारोट, आलू, शकरकंद और मैदा) मिलाकर बेच रहे हैं। ऐसे में आपको कीमत पूरी देनी पड़ेगी लेकिन खोवा दोयम दर्जे का मिलेगा।
चौक की खोवामंडी और रानीमंडी बड़े बाजार
शहर में सबसे बड़ी खोवा मंडी चौक में है। रानीमंडी में भी बड़े पैमाने पर खोवा बिकता है। खोवा मंडी में गंगापार क्षेत्र के सोरांव, नवाबगंज, मंसूराबाद, सहसों, फाफामऊ से ज्यादा मात्रा में खोवा बिकने के लिए आता है। वहां किसानों से थोक के भाव में आढ़तिए खरीद लेते हैं। इसके बाद फुटकर दुकानदार उनसे खोवा खरीदकर बेचते हैं। खोवा मंडी में बिल्कुल सफेद (चिकना) और रानीमंडी में लच्छेदार खोवा अधिक मिलता है। लच्छेदार खोवा में लालिमा रहती है।
बताते हैं खोवा कारोबारी
खोवा कारोबारी बताते हैं कि चिकना खोवा पेड़ा, बर्फी, गाजर का हलुआ, रसगुल्ला (गुलाब जामुन), मटर-पनीर, शाही-पनीर आदि बनाने में इस्तेमाल होता है। रसगुल्ले में लच्छेदार खोवा का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन अन्य मिठाइयों में लच्छेदार खोवा इस्तेमाल किया जाता है। बताते हैं कि वजन बढ़ाने के लिए स्टार्च का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है।
जानें कैसे करें शुद्ध खोवा की पहचान
-खोवा को हाथ में लेकर मसलने पर यदि शुद्ध है तो हाथ चिकना हो जाएगा और चिपचिपा पदार्थ नहीं मिलेगा।
-आलू, शकरकंद मिला है तो हाथ में चिकनाहट कम होगा। फैट का कुछ अवशेष भी मिल जाएगा।
-आयोडीन टिंचर मिला देने पर आयोडीन वाला हिस्सा रंगीन (बैगनी से नीला) हो जाएगा।
कहते हैं अधिकारी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अभिहीत अधिकारी डॉ. एसपी सिंह कहते हैं कि बाजारों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अब तक कुल 50 नमूने लिए गए हैं। उसमें 10-12 खोवा का था। चार नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। उसमें एक खोवे का था, जिसमें मिलावट नहीं की गई थी, लेकिन फैट कम था।