करेली हत्याकांड : कत्ल के आरोपितों ने गांव में दहशत फैला रखी थी, नामजद पूर्व प्रधान है हिस्ट्रीशीटर Prayagraj News
मारे गए लोटन निषाद के भाई बिरजू ने बताया कि नौशाद गांव के कमजोर लोगों पर बहुत अत्याचार करता रहा है। उसके परिवार पर पिछले 20 साल से जुल्म करता रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। करेली में लोटन निषाद की हत्या में नामजद आरोपित बख्शी मोढ़ा के दबंग है। उनकी गुंडागर्दी के आगे गांव के कमजोर लोग आवाज नहीं उठा पाते। इसी वजह से वे मनमानी करते रहे हैं। नामजद आरोपित पूर्व प्रधान नौशाद पर हत्या समेत तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे हैं। आलम यह कि उसके खौफ से पूर्व प्रधान देशराज को पांच साल तक गांव से बाहर रहना पड़ा। नामजद आरोपितों में फारूख पर गोवंश तस्करी के कई मुकदमे करेली समेत कई थानों में दर्ज हैं। कुछ दिन पहले ही वह जेल से जमानत पर छूटकर आया है।
नामजद आरोपित में पूर्व प्रधान नौशाद की 24 साल पहले ही खुली थी हिस्ट्रीशीट
नामजद आरोपित में पूर्व प्रधान नौशाद की सितंबर 1996 यानी 24 साल पहले ही करेली थाने में हिस्ट्रीशीट (28 अ) खुल गई थी। मारे गए लोटन निषाद के भाई बिरजू ने बताया कि नौशाद गांव के कमजोर लोगों पर बहुत अत्याचार करता रहा है। उसके परिवार पर पिछले 20 साल से जुल्म करता रहा है। 15 साल पहले परिवार और उस पर हमला किया था। पांच साल पहले भी उसे बेरहमी से पीटा तो उसने थाने जाकर शिकायत की थी। नौशाद और उसका पूरा परिवार अवैध धंधों में लिप्त रहा है।
कोई आवाज उठाए तो उसे हत्या की धमकी मिलती है
आरोपित पूर्व प्रधान का एक भाई जाकिर अली कोटेदार है, जो सारा राशन ब्लैक में बेचता है। कोई आवाज उठाए तो उसे हत्या की धमकी मिलती है। इसलिए सब चुप्पी साधे रहते हैं। नौशाद के गुर्गे गोवंश तस्करी करते रहे हैं। कुछ समय पहले करेली पुलिस ने उसके आदमी फारूख को गोवंश तस्करी में गिरफ्तार किया था मगर वह जमानत पर छूट गया। रविवार सुबह घटना में फारूख भी शामिल था। पुलिस ने इस परिवार पर कभी सख्ती नहीं की जिसका नतीजा यह कत्ल है। नौशाद 10 साल और उसकी पत्नी पांच साल तक बख्शी मोढ़ा की प्रधान रही है। घटनास्थल पर मौजूद रहे पूर्व प्रधान देशराज ने बताया कि नौशाद की गुंडई की वजह से उन्हें पांच साल तक गांव से बाहर रहना पड़ा। पुलिस भी कोई सहायता नहीं कर रही थी।
राजू पाल हत्याकांड की गवाह के हैं भाई
लोटन के कत्ल में नामजद नौशाद, जाकिर अली, नूर अख्तर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की गवाह रुखसाना के सगे भाई हैं। बिरजू का आरोप है कि ये लोग कभी अतीक अहमद तो कभी पूजा पाल के नाम पर गांव के लोगों पर धौंस जमाकर परेशान करते रहे हैं। अतीक गिरोह के लोग भी नौशाद के घर पर आते रहते थे, जो ग्रामीणों को धमकाते थे।
राशन कार्ड से 45 गरीबों के नाम काटे
अत्याचार और मनमानी का आलम यह है कि बख्शी मोढ़ा के कोटेदार हत्या में नामजद जाकिर अली ने 45 गरीबों के नाम राशन कार्ड से काट दिए। अब ये गरीब सरकारी कोटे की दुकान से राशन नहीं ले पा रहे। पूर्व प्रधान देशराज ने करेली पुलिस को बताया कि शिकायत पर सबको धमकी दी गई कि हाथ पैर तोड़ दिए जाएंगे।
लाइसेंसी बंदूक ली गई कब्जे में
हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक लोटन के भाई बिरजू निषाद ने लाइसेंसी बंदूक से फायर किया था। बिरजू ने भी माना कि उसने हमले के बाद बचाव में फायर किया था। आइजी रेंज केपी ङ्क्षसह ने बताया कि बंदूक जांच के लिए कब्जे में ली गई है। वैसे भी सुरक्षा के लिए पुलिस बल गांव में तैनात है।
तीन बच्चों और पत्नी पर मुसीबत
लोटन निषाद मजदूरी और बेलदारी के जरिए पत्नी सविता, सात वर्षीय अनन्या, पांच वर्षीय बेटे आनंद और तीन साल के आर्यन के साथ गुजारा कर रहा था। लोटन तीन भाइयों में मंझला था। बड़ा भाई बिरजू है और छोटा सोनू। पिता तुलसी निषाद का बरसों पहले निधन हो चुका है। लोटन की पत्नी सविता विलाप करते बेसुध हो गई। परिवार की महिलाएं उसे संभालने का प्रयास करती रहीं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को दिलासा दी कि उनका हर तरह से ख्याल रखा जाएगा।