हफ्ते भर से थाने में बंद है दुष्कर्म के प्रयास का आरोपित
तीन बच्चों का पिता है दुष्कर्म का आरोपित। उसने 12 मई को सरेंडर किया था लेकिन पुलिस ने अभी तक उसे जेल नहीं भेजा है। उस पर बालिका के साथ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप है।
प्रयागराज, जेएनएन। 11 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के आरोपित को पुलिस जेल नहीं भेज रही है। आठ मई को वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित 12 मई से पुलिस की हिरासत में है। उसके बावजूद पता नहीं कारण है जिसके कारण उसे जेल नहीं भेजा गया। इससे पीडि़त दहशत में है और उसने न्याय की मांग की है।
सोती बालिका को उठा ले गया और दुष्कर्म का प्रयास किया
बारा कोतवाली क्षेत्र के गांव परवेजाबाद के मजरा खड़ेसर में 11 वर्षीय दलित बच्ची घर में सो रही थी। गरीब परिवार होने के कारण घर में दरवाजा नहीं था। देर रात गांव का ही अजीत ङ्क्षबद पुत्र तेजबलि उसके घर पहुंचा। वह तीन बच्चों का पिता है। आरोप है कि वह युवक बच्ची का मुंह दबाकर उसे घर से उठा ले गया। गांव के बाहर ले जाकर बालिका से दुष्कर्म का प्रयास किया लेकिन बच्ची के विरोध करने वह भाग गया। इससे पहले दुष्कर्म में असफल होने पर आरोपित ने पहले बालिका को कीचड़ में फेंका और उसके बाद उसे भूसे के ढेर में गाड़ दिया। किसी तरह जान बचाकर बच्ची अपने घर पहुंची और परिजनों को सूचना दी।
आरोपित ने बारा कोतवाली में सरेंडर कर दिया
परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो आरोपित घर से फरार हो गया था। तब पुलिस ने उसके बड़े भाई कटारा बिंद को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने छेडख़ानी एवं मारपीट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। 12 मई को आरोपित बारा कोतवाली में सरेंडर कर दिया। हालांकि अब तक पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसे थाने में बैठाए रखा है। इससे बच्ची के परिजनों में आक्रोश है।
बोले क्षेत्राधिकारी
क्षेत्राधिकारी सहीराम आर्या ने बताया कि तीन बार 164 के बयान के लिए कोर्ट ले गए लेकिन जज के न बैठने पर बयान नहीं हो सका। इसलिए उसे जेल नहीं भेजा जा सका है।
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