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गंगा एक्सप्रेस वे के लिए मिल चुकी है 97 फीसद जमीन, नवंबर से शुरू होना है निर्माण

594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज में कानपुर-वाराणसी हाईवे पर जूड़ापुर दांदों गांव में जुड़ेगा। यह 12 जिलों को जोड़ते हुए प्रयागराज आएगा। इसके रास्ते में 519 गांव पड़ रहे हैं और यह छह लेन का9बनाया जाएगा। प्रयागराज में सोरांव तहसील के 20 गांवों से होकर यह गुजरेगा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 02:14 PM (IST)
गंगा एक्सप्रेस वे के लिए मिल चुकी है 97 फीसद जमीन, नवंबर से शुरू होना है निर्माण
मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी लंबा एक्सप्रेस वे, सोरांव तहसील के 20 गांवों की ली गई जमीनें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा के किनारे-किनारे बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे के लिए प्रदेश सरकार ने 36230 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके लिए प्रदेश भर में अधिकतर जमीनों का अधिग्रहण हो चुका है। आने वाले दिनों में इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बनने से पूर्वांचल के लोगों का पश्चिमी यूपी के जिलों में जाना आसान हो जाएगा।

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12 जिलों को जोड़ते हुए प्रयागराज आएगा एक्सप्रेस वे

594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज में कानपुर-वाराणसी हाईवे पर जूड़ापुर दांदों गांव में जुड़ेगा। यह 12 जिलों को जोड़ते हुए प्रयागराज आएगा। इसके रास्ते में 519 गांव पड़ रहे हैं और यह छह लेन का बनाया जाएगा। प्रयागराज में सोरांव तहसील के 20 गांवों से होकर यह गुजरेगा। इन गांवों की 184 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीदने के लिए जिला प्रशासन साल भर से काम कर रहा है। चूंकि यह नया मार्ग है और पूरी तरह से जमीन खरीदनी पड़ रही है। जिला प्रशासन इसके लिए करीब चार हजार किसानों से जमीनें खरीदकर उसे यूपीडा के नाम रजिस्ट्री कर रहा है।

जमीनों का काम लगभग पूरा हो गया है

गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण यूपीडा करवाएगा। किसानों से जमीनें लेने का क्रम 15 जुलाई तक पूरा करना था। लेकिन कुछ विवादित जमीनों के चलते अभी तक सभी को मुआवजा नहीं मिला है। विवादित जमीनों को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन ने अधिग्रहण का नोटिस दिया तो बचे किसान भी मुआवजा लेने आ गए। इस तरह अब तक 97 फीसद किसानों ने जमीनों का मुआवजा ले लिया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व एमपी सिंह ने बताया कि किसानों से सहमति बनाकर उनसे जमीनें सर्किल रेट के हिसाब से ली गई है। कुछ किसानों की जमीनें विवादित हैं, इसलिए उनका मुआवजा देना बाकी है। जल्द ही उनका मामला भी सुलझा दिया जाएगा। जमीनों का काम लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही इसकी आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।


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