'छुट्टा आतंक' को लेकर शहर की सड़क पर जुबानी जंग Prayagraj News
शहर की सड़कों पर छुट्टा आतंक ने राहगीरों को परेशान कर रखा है। नगर निगम की टीम जब इन मवेशियों को पकड़ने जाती है तो पशुपालक विरोध में खड़े हो जाते हैं।
By Edited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:03 AM (IST)
प्रयागराजए, जेएनएन। शहर की सड़कों पर बेसहारा मवेशियों का कब्जा बरकरार है। हाई कोर्ट की सख्ती बेअसर साबित हो रही है। प्रमुख चौराहों पर बेसहारा मवेशी स्पीड ब्रेकर बनकर बैठे रहते हैं, जिससे शहरियों की राह मुश्किल हो गई है। इन मवेशियों को पकड़ने के लिए नगर निगम की टीम ने अभियान चलाती है तो हंगामा भी खड़ा हो गया। कदम-कदम पर कर्मचारियों व पशुपालकों के बीच जुबानी जंग शुरू हो जाती है। इधर कर्मचारी मवेशी पकड़ते हैं तो उधर पशुपालक उन्हें छुड़ाने के लिए पहुंच जाते हैं। मजबूरी में पुलिस की मदद से अभियान को आगे बढ़ाना पड़ता है।
शहर के विभिन्न मोहल्लों में दिखता है नजारा
पिछले दिनों भी यही नजारा देखने को मनमोहन पार्क चौराहा के निकट देखने को मिला। विश्वविद्यालय मार्ग पर दस्ते के कर्मचारियों ने दो मवेशियों को पकड़ कर कैटिल वैन में चढ़ा लिया। इसी बीच पशुपालक वहां पहुंच गए और मवेशियों को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। विरोध के बाद भी निगम कर्मियों ने मवेशियों को नहीं छोड़ा। इसके बाद टीम आगे बढ़ गई तो पशुपालक भी साथ चल दिए। आगे-आगे पशुपालक तो पीछे-पीछे निगम की टीम। कुछ पशुपालकों ने अपने मवेशियों को सड़क से खुद ही हटा लिया। यह कोई एक मोहल्ले की बात नहीं है। शहर के तमाम इलाकों में प्रतिदिन ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है।
पशुपालक झड़प भी करने से बाज नहीं आते
विभिन्न इलाकों में मवेशियों को पकड़ने के दौरान पशुपालकों की नगर निगम कर्मचारियों से अक्सर झड़प भी हाेती है। हर समय हर मोहल्लों में मवेशी सड़क पर बैठे या टहलते मिल जाएंगे। यह हालत कर्नलगंज, कटरा, मम्फोर्डगंज, चौक, कीडगंज, बैरहना आदि की है। तकरीबन हर गली में पशुपालकों को कब्जा है। पशुओं को सड़क, गली में बांधकर दुहाई करते हैं। इसकी वजह से वहां हर वक्त गंदगी का अंबार लगा रहता है।
शासन की सख्ती का असर नहीं
हाई कोर्ट और शासन की सख्त हिदायत है कि शहर की सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा मवेशियों पर लगाम लगाई जाए। उन्हें शहर से बाहर किया जाए। इसके लिए नगर निगम ने फाफामऊ और नैनी में कैटिल कॉलोनी भी बनाई लेकिन पशुपालक वहां जाना नहीं चाहते।
नगर निगम टीम को पुलिस की सहायता लेनी पड़ती है
जब नगर निगम की टीम सड़क पर घूमते पशुओं को पकड़कर वाहन में रखती है तो पशुपालक इसका विरोध करते हैं। कभी तो मारपीट की भी नौबत आ जाती है। ऐसे में टीम को संबंधित थाने की फोर्स का सहारा भी लेना पड़ता है।
शहर के विभिन्न मोहल्लों में दिखता है नजारा
पिछले दिनों भी यही नजारा देखने को मनमोहन पार्क चौराहा के निकट देखने को मिला। विश्वविद्यालय मार्ग पर दस्ते के कर्मचारियों ने दो मवेशियों को पकड़ कर कैटिल वैन में चढ़ा लिया। इसी बीच पशुपालक वहां पहुंच गए और मवेशियों को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। विरोध के बाद भी निगम कर्मियों ने मवेशियों को नहीं छोड़ा। इसके बाद टीम आगे बढ़ गई तो पशुपालक भी साथ चल दिए। आगे-आगे पशुपालक तो पीछे-पीछे निगम की टीम। कुछ पशुपालकों ने अपने मवेशियों को सड़क से खुद ही हटा लिया। यह कोई एक मोहल्ले की बात नहीं है। शहर के तमाम इलाकों में प्रतिदिन ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है।
पशुपालक झड़प भी करने से बाज नहीं आते
विभिन्न इलाकों में मवेशियों को पकड़ने के दौरान पशुपालकों की नगर निगम कर्मचारियों से अक्सर झड़प भी हाेती है। हर समय हर मोहल्लों में मवेशी सड़क पर बैठे या टहलते मिल जाएंगे। यह हालत कर्नलगंज, कटरा, मम्फोर्डगंज, चौक, कीडगंज, बैरहना आदि की है। तकरीबन हर गली में पशुपालकों को कब्जा है। पशुओं को सड़क, गली में बांधकर दुहाई करते हैं। इसकी वजह से वहां हर वक्त गंदगी का अंबार लगा रहता है।
शासन की सख्ती का असर नहीं
हाई कोर्ट और शासन की सख्त हिदायत है कि शहर की सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा मवेशियों पर लगाम लगाई जाए। उन्हें शहर से बाहर किया जाए। इसके लिए नगर निगम ने फाफामऊ और नैनी में कैटिल कॉलोनी भी बनाई लेकिन पशुपालक वहां जाना नहीं चाहते।
नगर निगम टीम को पुलिस की सहायता लेनी पड़ती है
जब नगर निगम की टीम सड़क पर घूमते पशुओं को पकड़कर वाहन में रखती है तो पशुपालक इसका विरोध करते हैं। कभी तो मारपीट की भी नौबत आ जाती है। ऐसे में टीम को संबंधित थाने की फोर्स का सहारा भी लेना पड़ता है।
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