प्रयागराज में 88 पेड़ों ने लगा ली है अपने उम्र की सेंचुरी, वन विभाग करेगा संरक्षित Prayagraj News
100 वर्ष से ज्यादा पुराने वृक्षों का चयन वन विभाग चयन कर रहा है। विभाग ऐसे पेड़ों को संरक्षित करेगा। कार्बन डेटिंग समेत तीन आधार पर वृक्षों की आयु तय की जाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। हाईटेक युग में हर ओर कंक्रीट के घर, मल्टी फ्लोर इमारतों के साथ सड़कें लगातार बन रही हैं या फिर उनका चौड़ीकरण किया जा रहा है। इनको बनाने में हजारों की संख्या में हरे व सूखे पेड़ भी काटे जाते हैं। ऐसे में अगर कोई पेड़ बच जाता है तो बड़ी बात है। इससे भी विशेष बात यह है कि ऐसे में अगर कोई पेड़ अपने आयु के 100 वर्ष पूरे कर ले तो क्या कहना। जी हां प्रयागराज में भी 88 ऐसे वृक्ष हैं, जो अपनी आयु की सेंचुरी बना चुके हैं। हेरिटेज (विरासत) वृक्षों के चयन के लिए गाइड लाइन जारी होने के बाद वन विभाग की ओर से 100 वर्ष से ज्यादा पुराने पेड़ों का चयन किया जा रहा है। विभाग ने जिले में अब तक शतक लगाने वाले 88 पेड़ों को चयनित किया है। अब इन पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा।
विवादित जमीन वाले पेड़ों का चयन नहीं होगा
नौ अगस्त को परेड मैदान पर 'वृक्ष कुंभ' समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 वर्ष पुराने पेड़ों को संरक्षित करने की घोषणा की थी। कुछ दिन पहले पेड़ों को संरक्षित करने के संदर्भ में शासन की ओर से गाइड लाइन जारी है। उसके मुताबिक वृक्षों की आयु की गणना रेडियो कार्बन डेटिंग, ङ्क्षरग फार्मेशन और प्राचीनता के आधार पर होनी है। गाइड लाइन में पुनर्जनन (फिर से न उगने वाले) न होने वाले, विलुप्त हो रही प्रजातियों, मातृ वृक्ष, पवित्र वृक्ष के रूप में पूजे जाने वाले पेड़ों का चयन खासतौर से करने के लिए कहा गया है। विवादित जमीन वाले पेड़ों का चयन नहीं होगा। वहीं, वन विभाग ने झूंसी में पारिजात, किला में वटवृक्ष, कंपनी बाग में इमली, उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक आवास और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला संकाय में बरगद समेत अब तक जिले में 88 वृक्षों का चयन किया गया है।
बोले डीएफओ
डीएफओ वाईपी शुक्ला कहते हैं कि दूसरे चरण में भी पेड़ों के चयन का काम जल्द शुरू किया जाएगा। चयनित वृक्षों का रख-रखाव जैव विविधता समिति करेगी। समिति का गठन भी शीघ्र होगा।