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आठ साल पुरानी स्कूल बसें चल सकेंगी सीएनजी से

---फोटो--- -31 मार्च के बाद डीजल युक्त सवारी गाड़ी चलाने पर रोक -आरटीए की बैठक में ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 03:16 AM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 03:16 AM (IST)
आठ साल पुरानी स्कूल बसें चल सकेंगी सीएनजी से

जासं, इलाहाबाद : शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए तेज कवायद की जा रही है। 31 मार्च से डीजल युक्त सवारी गाड़ियों के नगरी क्षेत्र में परिचालन पर रोक लग गई है। अब शहरी क्षेत्र में केवल सीएनजी गाड़ियां ही चल सकती हैं। ऑटो-टेंपों चलाने वालों ने तो नई गाड़ियां ले ली हैं, लेकिन स्कूल बस वाले परेशान हैं। खासकर जिनकी गाड़ियां आठ साल पुरानी हैं। अगर इन गाड़ियों में सीएनजी किट लग जाए तो इनका शहरी क्षेत्र में परिचालन संभव है।

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दो साल पहले जब डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट आई थी, तब इलाहाबाद देश के दूषित 10 शहरों में टॉप फाइव में शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद में प्रदूषण इसलिए ज्यादा था, क्योंकि यहां पर पुरानी डीजल युक्त गाड़ियों का संचालन अधिक हो रहा था। उसके बाद इलाहाबाद को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कवायद की गई। इसमें सबसे बड़ा कदम यह उठाया गया कि धीरे-धीरे नगरी क्षेत्र से डीजल युक्त सवारी गाड़ियों को बाहर कर दिया गया। 31 मार्च से डीजल युक्त टेंपो-ऑटो और स्कूल बसों पर रोक है। महीने के अंत तक आरटीए की बैठक होने वाली है। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। आरटीओ (प्रशासन) सगीर अंसारी का कहना है कि जो स्कूल बसें आठ साल पुरानी हैं। अगर उनमें सीएनजी किट लग जाती है तो उसे शहरी क्षेत्र में चलाया जा सकता है। सीएनजी परिमट मिलने पर पांच साल की अनुमति रहेगी। उसके बाद फिर पांच साल के लिए परमिट मिल सकता है। मगर 15 साल से अधिक पुरानी बसें नहीं चलेंगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद भी अगर डीजल युक्त सवारी गाड़ियां चलाई जा रही हैं तो उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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रोडवेज और छावनी परिषद की गाड़ियां नहीं दायरे में

शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए डीजल युक्त सवारी गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगी है। इसमें ऑटो, टेंपो और स्कूल बसें शामिल हैं, लेकिन रोडवेज और छावनी परिषद की डीजल गाड़ियां शामिल नहीं हैं। जबकि इनकी संख्या काफी है। ऐसे में अगर इन गाड़ियों के परिचालन पर रोक नहीं लगेगी तो शहर को प्रदूषण मुक्त करने का सपना संभव नहीं हो पाएगा।

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