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69000 परिषदीय शिक्षकों की भर्ती परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं

परिषदीय स्कूलों की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 08:36 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 05:41 PM (IST)
69000 परिषदीय शिक्षकों की भर्ती परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं
69000 परिषदीय शिक्षकों की भर्ती परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं

जेएनएन, प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं हैं। यूपी टीईटी 2018 में पूछे गए तीन प्रश्नों के गलत जवाब से हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को समान अंक देने का निर्देश दिया है। परीक्षा संस्था को अब नए सिरे से दोबारा परिणाम देकर ऑनलाइन आवेदन लेना पड़ेगा, जिससे परीक्षा की तारीख आगे बढऩा तय माना जा रहा है। 

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उत्तर कुंजी के बाद हुआ उलटफेर 

शिक्षक पात्रता परीक्षा की वजह से एक बार फिर सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा पर संकट खड़ा हो गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने उत्तर कुंजी पर आपत्तियां लेने के बाद प्राथमिक स्तर में छह व उच्च प्राथमिक स्तर पर तीन सवालों के जवाब बदले थे। यही नहीं प्राथमिक स्तर में एक उत्तर के सभी उत्तर विकल्प गलत मानकर समान अंक देने का निर्णय लिया और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर पर दो-दो प्रश्न ऐसे थे, जिनके दो-दो उत्तर विकल्प सही माने गए। यह कवायद भी काम नहीं आई।

14 प्रश्नों को चुनौती, तीन में जीत 

अभ्यर्थियों ने 14 प्रश्नों के जवाब को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, उसमें से हिंदी के दो और उर्दू के एक प्रश्न के उत्तर को गलत मानकर कोर्ट ने सभी अभ्यर्थियों को समान अंक देने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि ङ्क्षहदी विषय के जिन प्रश्नों के दो-दो उत्तर विकल्प सही माने गए, उन्हीं प्रश्नों पर कोर्ट ने समान अंक देने का निर्देश दिया है। असल में प्रश्नों को चुनौती देने वाले वे अभ्यर्थी हैं, जो चंद अंकों से पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो रहे थे और उनके पास पर्याप्त साक्ष्य भी थे। 

टीईटी 2017 में भी तीन प्रश्न फंसे थे 

68500 शिक्षक भर्ती के पहले टीईटी 2017 में पूछे गए प्रश्नों के जवाब पर भी इसी तरह पेंच फंस गया था। उस समय 16 प्रश्नों के जवाब को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी। सिंगल बेंच ने अभ्यर्थियों के दावे से सहमत होकर अधिकांश प्रश्नों के जवाब को गलत मानकर परिणाम बदलने का निर्देश दिया था। उस आदेश को सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी। कोर्ट ने प्रश्नों के जवाब की जांच लखनऊ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से कराई। इसमें 13 प्रश्नों पर परीक्षा संस्था का जवाब सही माना, जबकि तीन प्रश्नों में जवाब को ही गलत माना या फिर दिए गए विकल्पों में से किसी को सही नहीं माना। कोर्ट के आदेश पर संशोधित रिजल्ट जारी हुआ और फिर नए सिरे से अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए। इसीलिए 12 मार्च को होने वाली शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा 27 मई को कराई गई थी। यह मामला शीर्ष कोर्ट तक पहुंचा और अभी तस्वीर साफ नहीं है। 

परीक्षा संस्था के पास अब दो विकल्प 

टीईटी 2018 के संबंध में हाईकोर्ट ने तीन प्रश्नों में समान अंक देने को कहा है। अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय या तो संशोधित रिजल्ट जारी करे या फिर इसे डबल बेंच में चुनौती दे। दोनों ही स्थिति में लिखित परीक्षा छह जनवरी को हो पाने के आसार नहीं हैं, क्योंकि रिजल्ट देने में ऑनलाइन आवेदन लेना होगा। अभी परीक्षा केंद्र तय नहीं हुए हैं इसलिए लिखित परीक्षा तारीख बढ़ाई जा सकती है। डबल बेंच से स्थगनादेश होने पर परीक्षा समय पर हो सकती है लेकिन, उसके बाद भी विवाद बने रहने के आसार हैं।


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