श्रृंगवेरपुर में स्थापित होगी श्रीराम व निषादराज की 51 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा, टेंडर जारी
51 फीट की प्रतिमा की स्थापना के लिए राज्य ललित कला अकादमी (संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश) की ओर से टेंडर (निविदा) जारी किया गया है। टेंडर के अनुसार (प्रभु श्रीराम द्वारा निषादराज को गले लगाते हुए) मूर्ति पांच करोड़ की अनुमानित लागत से कांसे की प्रतिमा बनाई जाएगी।
प्रयागराज, [अतुल यादव]। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी राम वनगमन पथ परियोजना के प्रमुख स्थलों में संत श्रृंगी की तपोभूमि श्रृंगवेरपुर भी शामिल है। श्रृंगवेरपुर को देश का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए राज्य सरकार ने श्रीराम द्वारा निषादराज को गले लगाते हुए 51 फीट (15.54 मीटर) ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। टेंडर भरने की अंतिम तिथि 24 अगस्त है। जबकि आदेश की तारीख से 110 दिनों के भीतर कार्यदायी संस्था को काम पूरा करना होगा।
प्रयागराज में श्रृंगवेरपुर है तीर्थस्थल
प्रयागराज जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर गंगा तट पर श्रृंगवेरपुर तीर्थस्थल है। पुराणों में वर्णित है कि श्रीराम अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वनवास को जा रहे थे। इस बीच श्रृंगवेरपुर में निषादराज (नाविकों के कबीले के मुखिया) ने उन्हें अपनी नाव में बैठाकर गंगा पार करने में मदद की थी। इससे श्रीराम इतने अभिभूत हुए कि उन्हेंं गले से लगा लिया।
प्रतिमा की अनुमानित लागत पांच करोड़ रुपये, टेंडर जारी
इसी संस्मरण को याद दिलाने वाली 51 फीट की प्रतिमा की स्थापना के लिए राज्य ललित कला अकादमी (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) की ओर से टेंडर (निविदा) जारी किया गया है। टेंडर के अनुसार, महाराज निषादराज प्रभु श्रीराम से गले मिलते हुए (प्रभु श्रीराम निषादराज को गले लगाते हुए) मूर्ति पांच करोड़ की अनुमानित लागत से कांसे की प्रतिमा बनाई जाएगी। हाल ही में राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि अयोध्या में सरयू नदी के किनारे प्रभु श्रीराम की 251 मीटर की मूर्ति स्थापित की जाएगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी और श्रीराम को धनुष, बाण और तरकश के साथ दिखाएगी।
110 दिन में कार्यदायी संस्था बनाएगी प्रतिमा
नवंबर 2020 में श्रृंगवेरपुर में दीपोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिमा लगवाने की घोषणा की थी। श्रृंगवेरपुर में प्रस्तावित कांसे की प्रतिमा की मजबूती के लिए सीसा, टिन और जस्ता (प्रत्येक पांच-पांच फीसद) होगा। इसके अलावा 85 फीसद कापर भी इस्तेमाल किया जाएगा। खोखली व ढली हुई धातु की प्रतिमा 6-7 मिमी मोटी होगी। प्रतिमा को मजबूत बनाए रखने के लिए स्टील का ढांचा भी होगा। आदेश की तारीख से 110 दिनों के भीतर कार्यदायी संस्था को काम पूरा करना होगा।
सरकार के अनूठे कदम की सराहना
राज्य सरकार के इस अनूठे कदम की स्थानीय लोगों ने सराहना की है। जय श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष संजय तिवारी और स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले साल उत्सव के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने इतनी शानदार प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लेकर हमारी मांग का सम्मान किया है। इस स्थान पर हर साल श्रृंगवेरपुर उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें गंगा के किनारे के घाट को आकर्षक बिजली की रोशनी से सजाया जाता है। रामघाट को दीये से रोशन किया जाता है।