लेटलतीफी से कुंभ में 48 करोड़ बेजा खर्च, देर से आर्डर पर रिवाइज हुआ बजट
कुंभ के कार्यों में विभागों की लेटलतीफी भारी पड़ रही है। चकर्ड प्लेट के लिए स्टील प्लेट की खरीद में देरी ने मेला प्रशासन को 48 करोड़ रुपये का झटका दिया है।
इलाहाबाद (ज्ञानेंद्र सिंह)। कुंभ के कार्यों में विभागों की लेटलतीफी भारी पड़ रही है। चकर्ड प्लेट के लिए स्टील प्लेट की खरीद में देरी ने मेला प्रशासन को 48 करोड़ रुपये का झटका दिया है। हालांकि शासन ने बजट रिवाइज करते हुए 48 करोड़ रुपये अधिक स्वीकृत तो कर दिए हैं, लेकिन मेला प्रशासन ने ऐसी लापरवाही से सभी विभागों को चेताया है। कुंभ के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने बजट देने में कोई कमी नहीं की है, मगर अफसर ठीक से प्लानिंग नहीं कर पा रहे हैं।
सबसे ज्यादा शिकायतें लोक निर्माण की
सर्वाधिक बजट वाले लोक निर्माण विभाग की शिकायतें सबसे ज्यादा आ रही हैं। लोक निर्माण विभाग को मेला क्षेत्र में चकर्ड प्लेट की सड़कें, पुलिया और पांटून पुल बनाने हैं। इसके लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) से स्टील खरीदी जानी थी। कार्य की स्वीकृति मिलने के बावजूद पीडब्ल्यूडी अफसरों ने सेल को आर्डर नहीं दिया। इस बीच सेल ने दाम 1000 रुपये प्रति टन बढ़ा दिए। ऐसे में 48.59 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च बढ़ गया। शासन तक मामला पहुंचा तो अधिकारियों की इस अदूरदर्शिता पर खिंचाई की गई। हालांकि दिव्य और भव्य कुंभ के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध सरकार ने रिवाइज्ड बजट मंजूर कर दिया है। पहले कुंभ मेला में पांटून पुलों, चकर्ड प्लेट मार्ग और पाइप पुलियों के निर्माण के लिए 21612.57 लाख रुपये खर्च करने का बजट था, जो अब बढ़कर 26471.97 लाख रुपये हो गया है।
सेल के स्टील प्लेट का दाम
- 31 जुलाई 2018 तक 49550 रुपये प्रति टन
- पीडब्ल्यूडी ने आर्डर दिया तब 50550 रुपये प्रति टन।
स्वीकृत बजट में ही कार्य के निर्देश
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि कुंभ मेले के कार्यों में जुटे सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत बजट में ही कार्य कराएं। इस तरह से अब किसी भी विभाग का बजट नहीं बढ़ाया जा सकेगा।