Move to Jagran APP

यूपी में 403 स्ववित्त पोषित स्कूलों को मिली मान्यता, सबसे ज्यादा स्कूल क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज के

मान्यता को राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है। इनमें ज्यादातर कक्षा छह से 10 तक के विद्यालय हैं। विभागीय जानकारों के मुताबिक कोरोना महामारी भी मान्यता में विलंब का एक कारण रहा। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला के कार्यकाल के पहले वर्ष 2018 में मान्यता प्रदान की गई थी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 10:34 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 10:34 PM (IST)
स्ववित्त पोषित नवीन माध्यमिक विद्यालयों को शासन ने मान्यता प्रदान कर दी है।

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। तीन वर्ष से ज्यादा समय से अटकी स्ववित्त पोषित नवीन माध्यमिक विद्यालयों को शासन ने मान्यता प्रदान कर दी है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2019 से 2021 के बीच तीन वर्षों में मान्यता समिति की बैठक में संस्तुति के बाद प्रदेश के 403 विद्यालयों को मान्यता देने के प्रस्ताव अलग-अलग तिथियों में भेजे थे, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल सकी थी।

loksabha election banner

नए प्रमुख सचिव ने तीन साल से फंसी मान्यता को दी मंजूरी

मान्यता प्रदान किए जाने के संबंध में सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को शासन की ओर से पत्र भेजकर जानकारी दी गई है। बताया गया है कि परिषद के प्रस्तावों के क्रम में इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 (संशोधित 2022) की धारा 7(4) के अंतर्गत इन विद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है। इनमें परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज क्षेत्र के 135, क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के 85, क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के 105, क्षेत्रीय कार्यालय बरेली के 19 एवं क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के 59 विद्यालय शामिल हैं।

ज्यादातर कक्षा छह से आठ तक के स्कूल

मान्यता को राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है। इनमें ज्यादातर कक्षा छह से 10 तक के विद्यालय हैं। विभागीय जानकारों के मुताबिक कोरोना महामारी भी मान्यता में विलंब का एक कारण रहा। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला के कार्यकाल के पहले वर्ष 2018 में मान्यता प्रदान की गई थी। उनके समय में परिषद से संस्तुति के साथ प्रस्ताव तो भेजे गए, लेकिन मान्यता की स्वीकृति किसी को नहीं मिली।

अब नए प्रमुख सचिव के आने पर यह प्रक्रिया पूरी गई। परिषद सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि यह प्रस्ताव पहले भेजे गए थे, इसलिए पुरानी नियमावली के तहत मान्यता प्रदान की गई है। अब नई नियमावली प्रस्तावित है। शासन से अनुमोदित हो जाने पर अब मान्यता नई नियम से प्रदान की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.