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सबसे बड़ी चुनौती नए वार्डों को विकसित करने की होगी Prayagraj News

सीमा विस्तार होने पर झूंसी नैनी फाफामऊ बमरौली के 207 राजस्व गांव और नगर पंचायत झूंसी तक नगर निगम का क्षेत्र हो गया है। नगर निगम की सीमा में जो गांव शामिल हुए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 07:53 AM (IST)
सबसे बड़ी चुनौती नए वार्डों को विकसित करने की होगी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सीमा विस्तार होने के बाद नगर निगम प्रयागराज के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती नए वार्डों को विकसित करने की होगी। नगर निगम को 20 नए वार्डों में सड़क और नाली, स्ट्रीट लाइट के लिए लगभग 240 करोड़ की जरूरत पड़ेगी। शुद्ध पेयजल के लिए लगभग 100 करोड़ और साफ-सफाई एवं अन्य कार्यों को कराने के लिए 60 करोड़ की आवश्यकता होगी। नए वार्डों पर कुल 400 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे, तब जाकर नगर निगम सभी वार्डों से टैक्स वसूल कर सकेगा।

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नोटिफिकेशन जारी होने पर नए वार्ड के गठन के लिए सर्वे का काम होगा शुरू

सीमा विस्तार होने पर झूंसी, नैनी, फाफामऊ, बमरौली के 207 राजस्व गांव और नगर पंचायत झूंसी तक नगर निगम का क्षेत्र हो गया है। नगर निगम की सीमा में जो गांव शामिल हुए हैं। उनमें 55 गांव विकसित, 50 गांव अद्र्ध विकसित और 102 गांव अविकसित हैं। शासन से सीमा विस्तार का नोटिफिकेशन जारी होने पर नगर निगम नए वार्ड के गठन के लिए सर्वे का काम शुरू कर देगा। गांवों को नगर निगम में शामिल करने की कागजी कार्रवाई शुरू हो जाएगी। जो गांव विकसित हैं। नगर निगम वहां पर तत्काल टैक्स लगाना शुरू कर देगा। शेष गांवों को विकसित किया जाएगा।

गांवों में कई पेयजल योजनाएं चल रही हैं

गांवों को विकसित बनाने के लिए वहां पर सड़क और नाली बनानी होगी। स्ट्रीट लाइट लगवानी होगी। सड़क और नाली बनाने के लिए लगभग 215 करोड़ और स्ट्रीट लाइट के लिए 25 करोड़ की जरूरत होगी, जिसकी आवश्यकता तत्काल पड़ेगी। इन गांवों में कई पेयजल योजनाएं चल रही हैं। अब उन्हें विस्तार दिया जाएगा, ताकि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंच सके। इस पर लगभग 100 करोड़ खर्च होंगे। साफ-सफाई के लिए सलाना 40 करोड़ की आवश्यकता पड़ेगी। अन्य छोटे कार्यों के लिए 20 से 30 करोड़ खर्च हो जाएंगे।

बढ़ेगा वित्त आयोग-अवस्थापना निधि का बजट, गृहकर की वसूली

नगर निगम को अभी 14वें वित्त आयोग से सलाना लगभग 56 करोड़, अवस्थापना निधि से 20 करोड़, राज्य वित्त आयोग से 15 करोड़ मिलता है। नगर निगम 60 करोड़ रुपये गृहकर वसूलता है। सीमा विस्तार होने पर वित्त आयोग का बजट लगभग 100 करोड़, अवस्थापना का 40 करोड़ और राज्य वित्त आयोग का 25 करोड़ रुपये हो जाएगा। गृहकर की वसूली भी 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। नगर निगम को सीमा विस्तार होने पर तत्काल लगभग 250 करोड़ की जरूरत होगी, जो इन मदों से मिल जाएगी। इसके अलावा शासन से वार्डों को विकसित करने के लिए अलग से बजट भी मिल सकता है।

बोलीं महापौर अभिलाषा गुप्‍ता नंदी

महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने बताया कि जो गांव विकसित हैं। वह तत्काल टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। अद्र्ध विकसित गांवों में ढाई साल और अविकसित गांवों में पांच साल के बीच नगरी सुविधाएं मिल जाएंगी। सभी वार्ड विकसित होने पर नगर निगम की गृहकर वसूली 150 करोड़ के आंकड़े को छू सकेगी। विकास कार्य कैसे होंगे, जल्द ही रोडमैप तैयार करवाया जाएगा।

तीन श्रेणी में गांवों का होगा बंटवारा

विकसित गांव : 55

अद्र्ध विकसित गांव : 50

अविकसित गांव : 102

अनुमानित खर्च

215 करोड़ : सड़क और नाली निर्माण

25 करोड़ : स्ट्रीट लाइट

100 करोड़ : शुद्ध पेयजल

40 करोड़ : साफ-सफाई

20 करोड़ से अधिक : अन्य कार्यों के लिए


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