Magh Mela-2020 : सामान वापस न करने वाली 300 संस्थाओं का जमीन आवंटन से कटेगा पत्ता Prayagraj News
इस साल लगभग तीन सौ संस्थाओं को जमीन नहीं दी जाएगी जिन्होंने पिछले माघमेला में टिन टेंटेज और फर्नीचर आदि सामान वापस नहीं की थी।इन संस्थाओं को मेले में जमीन ही नहीं दी जाएगी।
प्रयागराज,जेएनएन । माघमेले में जमीन का आवंटन 12 दिसंबर से शुरू होगा। हालांकि कुंभ 2019 और माघमेला 2018 में सरकारी सामान वापस न करने वाली लगभग तीन सौ संस्थाओं को जमीन नहीं मिलेगी। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इन संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया है। इस साल सबसे पहले दंडी स्वामी नगर और दंडी बाड़ा को जमीन दी जाएगी। दंडी बाड़ा के लिए जमीन आवंटन का कार्य 12 और 13 दिसंबर को होगा। इसके बाद 14 दिसंबर को आचार्य बाड़ा को जमीन दी जाएगी।
तीन संस्थाओं को नहीं मिलेगी जमीन
मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि माघमेला सलाहकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि इस साल लगभग तीन सौ संस्थाओं को जमीन नहीं दी जाएगी, जिन्होंने पिछले माघमेला में टिन, टेंटेज और फर्नीचर आदि सामान वापस नहीं की थी। इन संस्थाओं को नोटिस भेजा गया था मगर अब तक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि इन संस्थाओं को मेले में जमीन ही नहीं दी जाएगी।
जमीन आवंटन की तिथियां घोषित
मेलाधिकारी ने बताया कि माघमेले का लेआउट तैयार हो जाने के बाद अब साधु-संतों और संस्थाओं को जमीन का आवंटन का शुरू किया जाएगा। इसके लिए तिथियां निर्धारित कर दी गई हैैं। संगम लोवर मार्ग पर जमीन का आवंटन 15 को तथा 16 व 17 दिसंबर को खाक चौक को जमीन दी जाएगी। रामानुज मार्ग पर 18 को, संगम अपर मार्ग, सरस्वती मार्ग, महावीर जी मार्ग पर जमीन का आवंटन 19 दिसंबर को किया जाएगा। काली मार्ग पर 20 को, तुलसी मार्ग पर 21 को, जीटी रोड पर, त्रिवेणी मार्ग पर 22 दिसंबर को जमीन दी जाएगी। इसी तरह 23 को सेक्टर एक एवं दो, परेड, शास्त्री गाटा, कबीर नगर में जमीन दी जाएगी। समुद्र कूप मार्ग पर 24 तथा अरैल क्षेत्र में 25 दिसंबर को भूमि आवंटन होगा।
सुविधा पर्ची के लिए फोटोयुक्त आईडी और आधार लाना जरूरी
मेलाधिकारी ने बताया कि जमीन आवंटन के समय सुविधा पर्चियों की प्राप्ति के लिए पहचान पत्र फोटो एवं आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यह भी कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों में उपरोक्त तिथियों में परिवर्तन करना संभव है। प्रत्येक शिविर धारक को मेले की संपूर्ण अवधि (माघी पूर्णिमा) तक शिविर बनाए रखना अनिवार्य होगा। सुविधा पर्ची, भूमि आवंटन के दो दिन बाद निर्गत की जाएगी।