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International Elders Day 2021: बुजुर्गों का तिरस्‍कार न करें, उन्‍हें अनुभव का खजाना समझें तो सफलता चूमेगी

International Elders Day 2021 प्रयागराज के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीके मिश्रा कहते हैं कि परिवार के लोग बुजुर्ग को समझें अनुभवी खजाना तभी जीवन की राह सफल होगी। इसलिए बुजुर्गों से परिवार का हर सदस्य अपनापन रखें। उन्हें अकेलापन न महसूस होने दें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 09:56 AM (IST)
घर में बुजुर्गों की उपस्थिति पर गर्व करें, क्‍योंकि बुजुर्ग अनुभव का खजाना हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जो आज जवान है, वह बूढ़ा भी होगा। कुछ लोग इस बात को समझने में देर कर देते हैं। इस कारण एक बुजुर्ग, घर का अनुभवी खजाना होने के बाद भी अपने परिजनों से बेवजह अपमानित होता है। इस अंतरराष्ट्रीय समस्या के कारण अमेरिका ने आज ही के दिन यानी एक अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के रूप में मनाए जाने निर्णय लिया। इसलिए आज के दिन को दुनिया बुजुर्गों के लिए विशेष दिन के रूप में मनाती है, ताकि हमारा समाज घर में बुजुर्गों की उपस्थिति पर गर्व महसूस कर सके।

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बुजुर्गों से अपनापन रखें : अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी

प्रयागराज के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीके मिश्रा कहते हैं कि परिवार के लोग बुजुर्ग को समझें अनुभवी खजाना तभी जीवन की राह सफल होगी। इसलिए बुजुर्गों से परिवार का हर सदस्य अपनापन रखें। उन्हें अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरंदाज न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें। ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, इसके लिए आप उन्हें उनकी पसंद की जगह पर ले जाएं व उनकी मनपसंद गीतों को गुनगुनाए। निर्धारित समय पर उनके सोने- नाश्ता व भोजन की व्यवस्था पर ध्यान दें। अपने आस-पास किसी बुजुर्ग का शोषण होते देखें तो इसकी सूचना नजदीकी पुलिस प्रशासन से करें।

बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार करने का संकल्प लें : डाक्‍टर ईशान्‍य

डाक्टर ईशान्य ने बताया कि बहुत से बुजुर्ग घर के परिजनों के रवैये की वजह से मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इसलिए वह खुद को परिवार और समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को आज आत्म मंथन करना चाहिए ताकि वह अपनी पिछली गलतियों को स्वीकार करते हुए अपने बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार करने का संकल्प ले सकें। इसके साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में बढ़ती उम्र व मानसिक तनाव के चलते अमूमन 65 साल की उम्र के बाद ज़्यादातर बुजुर्गों के व्यवहार में बड़ा बदलाव होता है। इसी समय उन्हें परिवार के प्यार की जरूरत होती है। यह बदलाव अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के कारण होता है। इस बीमारी के लक्षण बुजुर्गों के हाव-भाव से पहचाने जा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि लक्षण को पहचानें व लक्षण नजर आएं जल्द से जल्द चिकित्सक से परामर्श लें ताकि परिवार के बुजुर्ग के स्वास्थ को स्वस्थ रखा जा सके।

अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के लक्षण

याद्दाश्त कमजोर होना, बोलने या लिखने में दिक्कत होना, स्थान व समय को लेकर गुमराह होना, पैसे का हिसाब न रख पाना, तर्क करने व योजना बनाने या निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करना, समाज से दूरी बनाना व दैनिक कार्य करने में दिक्कत का सामना करना।

क्‍या है डिमेंशिया राग

डिमेंशिया के अनेक कारण हो सकते हैं अल्जाइमर्स को समझने से पहले डिमेंशिया अर्थात मनोभ्रंश समझना पड़ेगा। अल्जाइमर्स बीमारी डिमेंशिया का एक कारण है जो कोशिकाओं के नष्ट होने पर मस्तिष्क में होने वाले बदलाव के कारण होता है। उच्च रक्तचाप कोलेस्ट्रोल, सर की पुरानी चोट, ब्रेन स्ट्रोक, एनीमिया व नशे की लत के चलते इस बीमारी की चपेट में भी लोग आते हैं। समय से पता चल जाने पर इसका उपचार दवा व मनोवैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से संभव हैI


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