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Narendra Giri Death Case: CBI को कोर्ट से मिली आनंद गिरी समेत तीन आरोपियों की 7 दिन की रिमांड

Narendra Giri Death Case रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में अभियोजन अधिकारी ने सीबीआइ की ओर से अर्जी पेश की। इसमें कहा गया कि महंत की मृत्यु मामले में आरोपित नैनी जेल में बंद हैं। उनसे पूछताछ साक्ष्य संकलन के लिए पुलिस हिरासत में सौंपा जाए। 7 दिन की अनुमति मिली।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 12:19 PM (IST)
Narendra Giri Death Case: CBI को कोर्ट से मिली आनंद गिरी समेत तीन आरोपियों की 7 दिन की रिमांड
नरेंद्र गिरि की मौत मामले के 3 आरोपितों को 7 दिन की रिमांड की अनुमति सीबीआइ को कोर्ट ने दी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्‍ध मौत प्रकरण की जांच सीबीआइ कर रही है। जांच के लिए सीबीआइ की टीम प्रयागराज में है। अब नैनी जेल में बंद आरोपितों को सीबीआइ ने 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की मांग की अर्जी दी थी। अर्जी पर सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट से सीबीआइ को मिली 7 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मिली है।

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आर्डर मिलने के बाद रात में या फिर कल सुबह सीबीआइ आरोपितों को पुलिस कस्टडी में लेगी।

रिमांड मजिस्‍ट्रेट की कोर्ट में सीबीआइ की ओर से अभियोजन अधिकारी ने अर्जी दी

रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार की कोर्ट में अभियोजन अधिकारी अंकित तोमर ने सीबीआइ की ओर से अर्जी पेश की गई थी। इसमें कहा गया कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले में आरोपित उनके शिष्य आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी व उसका बेटा संदीप नैनी जेल में बंद हैं। उनसे पूछताछ और साक्ष्य संकलन करना जरूरी है। लिहाजा उन्हें 10 दिनों के लिए आरोपितों को पुलिस हिरासत में सौंपा जाए।

सीबीआइ टीम आरोपितों को हरिद्वार ले जाएगी : अभियोजन अधिकारी

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि सीबीआइ की एक टीम आरोपितों को हरिद्वार लेकर जाएगी। इस पर रिमांड कोर्ट ने आरोपितों को सोमवार को अदालत में पेश किए जाने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी। तीनों आरोपित नैनी जेल में निरुद्ध हैं।

अधिवक्ता को जेल में नहीं मिलने दिया गया

आनंद गिरि के अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि रविवार को जब वह आनंद गिरि से मिलने के लिए पहुंचे तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया। उनसे कहा गया कि वह मजिस्ट्रेट का आदेश लेकर आएं तभी मुवक्किल से मिलने की अनुमति होगी। विजय द्विवेदी ने इसे नियम विरुद्ध बताया हुए परेशान करने का आरोप लगाया।

सुसाइड नोट के हस्ताक्षर का मिलान कर रहे एक्सपर्ट

सीबीआइ ने उस सुसाइड नोट को भी अपने कब्जे में लिया है, जो महंत नरेंद्र गिरि का बताया जा रहा है। मठ के लेटर पैड पर लिखे गए सुसाइड नोट को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे थे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ टीम राइटिंग एक्सपर्ट के जरिए महंत के हस्ताक्षर का मिलान करवा रहे हैं। अगर हस्ताक्षर में कोई फर्क मिलता तो उसके आधार पर आगे कदम बढ़ाएगी। हस्ताक्षर के साथ ही उन शब्दों का भी मिलान करवाया जा रहा है, जिनका उल्लेख एक से अधिक बार हुआ है। सुसाइड नोट की असलियत का पता लगाने के लिए राइटिंग एक्सपर्ट के साथ ही तकनीक की भी मदद ली जा रही है।


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