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Rain Water Harvesting: एयरवेंट्स तकनीक से सस्‍ते में बन जाएगा भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

Rain Water Harvesting एमएनएनआइटी के एसोसिएट प्रोफेसर का कहना है कि ये सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार को टैक्स में कुछ रियायत देनी चाहिए। मसलन गृहकर जलकर आदि में। इससे लोग जल संरक्षण के प्रति प्रेरित होंगे और धीरे-धीरे पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 03:48 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 03:48 PM (IST)
Rain Water Harvesting: एयरवेंट्स तकनीक से सस्‍ते में बन जाएगा भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
एमएनएनआइटी के एसोसिएट प्रोफेसर के अनुसार इमारतों में एयरवेंट्स तकनीकी से रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाने से खर्च कम होगा।

जागरण अभियान : जल संरक्षण

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---फोटो---

-रीचार्ज वेल की गहराई 80 से 100 फीट होनी चाहिए

-एयरवेंट््स तकनीकी से लगवाने पर खर्च एक तिहाई

प्रयागराज, जेएनएन। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए खर्च वैसे तो भवनों की छत के क्षेत्रफल (एरिया) पर निर्भर करता है। हालांकि प्रयागराज में 100 स्क्वायर (वर्ग) मीटर के क्षेत्रफल में बने मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने में करीब 25 से 30 रुपये खर्च आएगा। 300 स्क्वायर मीटर एरिया के भवनों में इसे लगवाने पर लगभग 75 से 90 हजार रुपये खर्च होगा। हालांकि, एयरवेंट्स तकनीकी से ये सिस्टम लगवाने पर खर्च तकरीबन एक तिहाई कम हो जाएगा।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम इन बिल्डिंगों में अनिवार्य है

बिल्डिंग बाईलाज में 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य  है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के एसोसिएट प्रोफेसर डा. हेमंत कुमार पांडेय का कहना है कि 100 स्क्वायर मीटर (लगभग 900 वर्ग फीट) क्षेत्रफल के मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए चार इंच का एक रीचार्ज वेल बनवाना पड़ेगा। तीन फीट लंबा, दो फीट चौड़ा और ढाई फीट गहरा गड्ढा (रीचार्ज टैंक) बनवाना पड़ेगा। बजरी, गिट्टी यानी नेचुरल फिल्टर लगेगा। रिचार्ज वेल की गहराई 80 से 100 फीट पर्याप्त रहेगी। छत से पाइप लाइन उसमें मिलाना पड़ेगा, जिससे बारिश का पानी उसके जरिए भूतल तक पहुंच सके और भूजल स्रोत को बढ़ाने में मदद करे।

इसे बढ़ावा देने के लिए टैक्स में मिले रियायत

डा. पांडेय का कहना है कि ग्रुप हाउसिंग और बड़ी इमारतों में एयरवेंट्स तकनीकी से रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाया जाए तो खर्च करीब एक तिहाई कम हो जाएगा। रिचार्ज की क्षमता भी बढ़ जाएगी। उनका कहना है कि ये सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार को टैक्स में कुछ रियायत देनी चाहिए। मसलन, गृहकर, जलकर आदि में। इससे लोग जल संरक्षण के प्रति प्रेरित होंगे और धीरे-धीरे पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी।


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