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Good News for Farmers: औषधीय खेती से आमदनी तो बढ़ेगी ही जीवन में खुशहाली भी आएगी

Good News for Farmers प्रयागराज के यमुनापार में करछना क्षेत्र के कई गांवों में औषधीय खेती कर किसान कृषि के क्षेत्र में मिसाल पेश कर रहे हैैं। इससे खुशहाल भी हो रहे हैैं। क्षेत्र के रामगढ़ कबरा रामपुर भुंडा कचरी समेत कई गांवों में किसान औषधीय खेती कर रहे हैैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 03:13 PM (IST)
Good News for Farmers: औषधीय खेती से आमदनी तो बढ़ेगी ही जीवन में खुशहाली भी आएगी
औषधीय खेती के माध्‍यम से प्रयागराज के किसान अपनी आय को बढ़ा रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना काल में देशी औषधियों की भी मांग खूब बढ़ी थी। अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने इसे दैनिक जीवन में अपना लिया था। कोरोना संक्रमण तो कम है लेकिन अभी अधिकांश लोग देशी औषधियों का सेवन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर औषधी खेती के प्रति किसानों का भी झुकाव हुआ है। कई किसान औषधीय खेती भी करने लगे हैं।

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अश्वगंधा, ईसबगोल, मेथी, हल्दी, गिलोय, तुलसी, सफेद मूसली की खेती

प्रयागराज के यमुनापार में करछना क्षेत्र के कई गांवों में औषधीय खेती कर किसान कृषि के क्षेत्र में मिसाल पेश कर रहे हैैं। इससे खुशहाल भी हो रहे हैैं। क्षेत्र के रामगढ़, कबरा, रवनिका, रामपुर, बरदहा, भुंडा, कचरी, मझुआ समेत कई गांवों में किसान औषधीय खेती कर रहे हैैं। इन गांवों के किसानों ने गेहूं, धान, मक्का, बाजरा जैसी पारंपरिक फसलों से अतिरिक्त अपनी आय को बढ़ाने के लिए नए आजीविका विकल्पों की तलाश की गई है। यहां काफी संख्या में किसान अश्वगंधा, ईसबगोल, मेथी, हल्दी, गिलोय, तुलसी, सफेद मूसली की खेती कर रहे हैैं। इसके लिए इन्हें बाजार की भी दिक्कत नहीं हो रही है। खेतों से ही ये औषधियां बिक जाती हैैं।

किसानों को औषधीय खेती के गुर सिखाए

औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए कबरा गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। गोष्ठी में किसानों को औषधीय खेती करने के गुर बताए गए। कबरा गांव में आयोजित किसान गोष्ठी में कंपनी के संयोजक आरपी पांडेय बताया कि किसानों को पारंपरिक खेती को छोड़कर अब औषधीय खेती करने पर जोर देना चाहिए, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और वो खुशहाल बनेंगे।

औषधीय खेती करने वाले किसानों को प्रोत्‍साहन का आश्‍वासन

आरपी पांडेय ने साथ ही लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने अलावा गांव का किसान और उसका परिवार बीमारी से मुक्त होगा। समय परिवर्तन के साथ किसान भी आधुनिकता की चकाचौंध को आत्मसात करते हुए अपनी आय व उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद व जहरीला कीटनाशक का प्रयोग शुरू कर दिया है। गोष्ठी में किसानों को औषधीय खेती में एलोवेरा, तुलसी, अश्वगंधा, ईसबगोल, मेथी, हल्दी, गिलोय की खेती के टिप्स दिए गए। पहले औषधीय खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने की बात कही गई। इस मौके पर कई गावों के सैकड़ों किसान मौजूद रहे।


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