Fight Against COVID in Prayagraj: कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को भी सिखाएं फेफड़े की कसरत
Fight Against COVID in Prayagraj फेफड़े में गहरी सांस लेने से बच्चों की सेहत अच्छी रहती है। बच्चे मुंह से गुब्बारा फुलाएं हो सके तो 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे शंख बजाएं तो यह उनके फेफड़े की कसरत के लिए काफी लाभदायक होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। इतिहास बताता है कि वायरस अपना रूप बदल कर बार-बार आता है। कोरोना के मामले में भी यही बात लागू होती है। इसे स्वीकार करते हुए बच्चों को सुरक्षित करने की कोशिश अभी से शुरू कर देना चाहिए। बच्चों को फेफड़े की कसरत कराने से उन पर संक्रमण का ज्यादा असर नहीं होगा, ऐसा विशेषज्ञ कहते हैं। कोरोना की तीसरी लहर आई भी तो यह कसरत ही बच्चों का रक्षा कवच बनेगी।
पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कराएं अनुलोम, विलोम
पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए डॉक्टर भी प्राणायाम को उचित बता रहे हैं। उन्हें केवल भस्त्रिका और अनुलोम विलोम सिखाना होगा। यह प्राणायाम की साधारण प्रक्रिया है और फेफड़े में गहरी सांस लेने से उसकी सेहत अच्छी रहती है। बच्चे मुंह से गुब्बारा फुलाएं, हो सके तो 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे शंख बजाएं तो यह उनके फेफड़े की कसरत के लिए काफी लाभदायक होगा। योग और प्राणायाम में कपाल भारती भी बच्चों को सिखाया जा सकता है। इसे पेट का मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और बच्चे किसी भी बीमारी से दूर रह सकते हैं।
योग, प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने का वैदिक तरीका : डॉक्टर संजीव
मोतीलाल नेहरू मण्डलीय चिकित्सालय प्रयागराज के फिजिशियन डॉक्टर संजीव यादव का कहना है कि योग, प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने का वैदिक तरीका है। एलोपैथ इलाज तो किसी बीमारी में तत्काल राहत के लिये है लेकिन प्राणायाम किया जाए तो बीमारियों का असर स्वतः बेहद मामूली हो जाता है।
बाल रोग विशेषज्ञ के इस टिप्स पर भी दें ध्यान
बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अम्बुज त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन अभी बच्चों को नहीं लग रही है। कोरोना की तीसरी लहर आना तय माना जा रहा है। इसलिए बच्चों पर अभी से विशेष ध्यान देते हुए उन्हें भी वायरस से लड़ाई के लिए तैयार करना होगा। बच्चों को आंतरिक रूप से मजबूती प्राणायाम से मिलेगी क्योंकि कोरोना का वायरस भविष्य में भी फेफड़े पर अटैक करेगा।
करा सकते हैं प्राणायाम की क्लास
बच्चों को योग प्राणायाम सिखाने के लिए ऑनलाइन क्लास जॉइन कराई जा सकती है। अब शहरों में इसके तमाम ट्रेनर हैं। ट्रेनर की देखरेख में बच्चे ट्रेंड हो सकते हैं।