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तीन जगहों पर रेल पटरी काटने का प्रयास, कुंडा में इस खुराफात से मची खलबली, प्रयागराज-लखनऊ रेल मार्ग का मामला

प्रतापगढ़ में कुंडा क्षेत्र से गुजरे रेलवे ट्रैक को तीन स्थानों पर काटने का प्रयास किया गया। हालांकि पटरियां पूरी तरह नहीं कटीं वरना बड़ा रेल हादसा हो सकता था। गुरुवार सुबह इस बारे में पता चलने पर रेलवे प्रशासन में खलबली मच गई।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 05:36 PM (IST)
प्रतापगढ़ में कुंडा क्षेत्र से गुजरे रेलवे ट्रैक को तीन स्थानों पर काटने का प्रयास किया गया।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में कुंडा क्षेत्र से गुजरे रेलवे ट्रैक को तीन स्थानों पर काटने का प्रयास किया गया। हालांकि पटरियां पूरी तरह नहीं कटीं वरना बड़ा रेल हादसा हो सकता था। गुरुवार सुबह इस बारे में पता चलने पर रेलवे प्रशासन में खलबली मच गई। विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। रेलवे व पुलिस के अफसरों ने मौके पर जायजा भी लिया। अब पता किया जा रहा है कि आखिर यह खुराफात किसकी है। यह आतंकी साजिश तो नहीं है या फिर शरारतन ऐसा किया गया।

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चाभी मैन ने देखा और फिर मची हलचल

कुंडा से होकर प्रयागराज-लखनऊ रेल लाइन गुजरी है। रोज की तरह कुंडा स्टेशन का चाबी मैन विश्व व्यापक सिंह गुरूवार सुबह करीब पौने आठ बजे ट्रैक चेक करते हुए महरामई गांव के पास  पोल संख्या 48/4 से आगे बढ़ा तो पोल संख्या 48/5 के बीच में दो स्थानों पर रेल पटरी कुछ कटी दिखी। यह देखकर वह दंग रह गया।  वह इसकी सूचना मेठ रमेश चंद्र मीना को देते हुए आगे बढ़ा तो पोल संख्या 48/6 के आगे पोल संख्या 48/7 के बीच एक स्थान पर और पटरी कटी दिखी। इसके बाद सुबह 8.10 मिनट पर मेठ ने मौके पर पहुंचकर कटी हुई पटरियों के बगल से उड़न ब्लाक प्लेट बांधकर सूचना कुंडा हरनामगंज स्टेशन अधीक्षक बीपी शुक्ला को दी। उनके द्वारा सूचना आगे बढ़ाई गई तो रेल विभाग के आलधिकारियों के होश फाख्ता हो गए।

 कुछ ही देर में आरपीएफ इंस्पेक्टर अवधेश नारायण पाठक, एसआइ नंदलाल, पीडब्लूआइ सईद अहमद, सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार, कोतवाल डीपी सिंह, मानिकपुर एसओ सुभाष यादव पुलिस बल के साथ उस स्थान पर पहुंच गए। पुलिस मामले की जांच करने लगी। रेल लाइन देखने से यही लग रहा था कि आरी ब्लेड से अराजक तत्वों ने बुधवार की रात में पटरी को काटने का प्रयास किया। संयोग अच्छा रहा कि वह सफल नहीं हो सके, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। करीब दो घंटे जांच पड़ताल के बाद पीडब्ल्यूआइ सईद अहमद ऊंचाहार ने अज्ञात लोगों के खिलाफ थानों में तहरीर दी। उनका कहना है कि पूरे दिन आने जाने वाली ट्रेनों को धीरे-धीरे गुजारा गया। क्षतिग्रस्त पटरी को बदलने का काम शुरू कर दिया गया है।  

काशन पर गुजारी गईं गाडियां

दिन में 11.05  मिनट पर लखनऊ से चलकर प्रयागराज को जा रही ऊंचाहार एक्सप्रेस आ गई। इसके बाद 11:21 पर प्रयागराज को जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। इन गाड़ियों को ट्रैक मैन वेद कुमार ने धीमी गतिे से काशन पर हरी झंडी दिखाते हुए पास कराया। 

कहीं आतंकी साजिश तो नहीं.

रेल लाइन को काटने का प्रयास होने के पीछे कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं है, इस पर भी रेलवे की नजर है। आतंकी संगठन या अन्य किसी आंदोलनकारी संगठन के तार तो नहीं जुड़े, इस ओर भी जांच की जा रही है। अगर पटरी कट गई होती तो ट्रेनें पलट सकती थीं। हालांकि अभी स्थानीय रेल अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।


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