Poisonous Liquor Case : शराब ठीकेदार के नेटवर्क से मिल रहे सुराग, प्रयागराज पुलिस का यह है दावा
Poisonous Liquor Case अधिकारियों का कहना है कि अगर अवैध कारोबार में किसी आबकारी विभाग के कर्मचारी के संलिप्तता होगी तो उसका नाम भी सामने आ सकता है। तफ्तीश में यह पता चला है कि श्याम बाबू का कई अफसर व कर्मचारियों से अच्छे ताल्लुकात थे।
प्रयागराज, जेएनएन। जहरीली शराब कांड के मामले में शराब ठीकेदार श्याम बाबू जायसवाल के नेटवर्क से पुलिस को एक के बाद एक कई सुराग मिल चुके हैं। पता चला है कि गंगापार में कई और भी ऐसी दुकाने हैं, जहां लाइसेंस की आड़ में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। उन दुकान के मालिकों से श्याम बाबू का संपर्क रहा है। पुलिस का दावा है कि अब तक की छानबीन पांच ऐसे शख्स के नाम सामने आए हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध है। उनके तार प्रतापगढ़ के शराब तस्करों से भी हो सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिक व दूसरे साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं, ताकि शिकंजा कसा जा सके।
पुलिस की नजर श्याम बाबू के मोबाइल की कॉल डिटेल पर
पुलिस श्याम बाबू के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट भी निकलवा रही है। कुछ अधिकारियों का कहना है कि अगर अवैध कारोबार में किसी आबकारी विभाग के कर्मचारी के संलिप्तता होगी तो उसका नाम भी सामने आ सकता है। तफ्तीश में यह पता चला है कि श्याम बाबू का कई अफसर व कर्मचारियों से अच्छे ताल्लुकात थे। आबकारी विभाग में यह भी चर्चा है कि प्रवर्तन टीम के कुछ सिपाहियों का भी तस्करों से संबंध, जिसकी छानबीन की जा रही है।
फूलपुर में जहरीली शराब से सात लोगों की हुई थी मौत
फूलपुर में जहरीली शराब से जहां सात लोगों की मौत हुई, वहीं 19 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसमें से 13 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है और बाकी का इलाज चल रहा है। इस पूरे मामले में श्याम बाबू को लाइसेंस देने को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने आबकारी विभाग को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि श्याम बाबू के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उसे लाइसेंस कैसे दिया गया था। बहरहाल पुलिस श्याम बाबू के नेटवर्क को खंगालते हुए उससे सुराग जुटा रही है।