इलाहाबाद हाईकोर्ट का पूर्व MLC को ED के समक्ष पक्ष रखने का निर्देश, कोर्ट का जांच में हस्तक्षेप से इन्कार
Allahabad High Court बहुजन समाज पार्टी से विधान परिषद सदस्य रहे सहारनपुर के हाजी इकबाल व परिवार के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उनके बेटे मोहम्मद अफजल की याचिका पर दो हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ में अपना पक्ष रखने का समय दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में दायरे में आने वाले पूर्व विधान परिषद सदस्य हाजी मोहम्मद इकबाल को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ईडी के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। बसपा से विधान परिषद सदस्य रहे हाजी मोहम्मद इकबाल के बेटे अफजल की याचिका पर कोर्ट ने जांच में किसी की प्रकार का हस्तक्षेप करने से इन्कार करने के साथ ही ईडी को भी निर्देश दिया है कि हाजी इकबाल के परिवार पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न करें। हाजी इकबाल के परिवार को ईडी में अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी से विधान परिषद सदस्य रहे सहारनपुर के हाजी इकबाल व परिवार के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उनके बेटे मोहम्मद अफजल की याचिका पर दो हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ में अपना पक्ष रखने का समय दिया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने हाजी इकबाल के बेटे मोहम्मद अफजल व अन्य की याचिका पर दिया है। केस में प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष भारत सरकार के सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने रखा। इनका कहना था कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में नोटिस जारी कर कुछ पेपर दिखाने के लिए बुलाया है। याची ने जांच में सहयोग न कर नोटिस को चुनौती दी है। इनके खिलाफ फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है। ईडी ने 25 सितंबर को बुलाया था, अब 22 अक्टूबर को बुलाया गया है। याची जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। याची का कहना था कि इसी मामले में कंपनी कोर्ट में केस चल रहा है। इसी कारण ईडी को अलग से उसी मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यह आपत्ति ईडी के समक्ष उठायी जा सकती है, जो कुछ कहना है ईडी के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखें।
हाजी मोहम्मद इकबाल की गिनती खनन माफिया में होती है। इकबाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप जांच कर रहा है। अब इसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज होने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रहा है। सीबीआई भी पूर्व एमएलसी के मामलों की जांच में जुटी है और कई बार छापेमारी भी कर चुकी है। बसपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित एनआरएचएम और खनन घोटाले के अलावा चीनी मिलों की बिक्री में हुए घोटाले में भी इकबाल का नाम आया था।