Swatantrata Ke Sarthi : प्रयागराज की झोपड़ पट्टी में उम्मीदों की लौ जला रहीं समाजसेवी अनुराधा
Swatantrata Ke Sarthi समाजसेवी अनुराधा प्रयागराज की मलिन बस्तियों के बच्चों और महिलाओं को शिक्षित करने में मदद करती हैं।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। कम उम्र से ही समाज सेवा की इच्छा रख बड़ी हुईं अनुराधा को अपनी मंजिल की तरफ बढऩे का मौका करीब आठ साल पहले मिला। उन्होंने विज्ञान फाउंडेशन संस्था से जुड़कर मलिन बस्तियों में काम शुरू किया। वह मलिन बस्तियों के बच्चों और महिलाओं को शिक्षित करने, घरेलू कामगार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, रोजगार के लिए प्रेरित करने एवं उनके हक के लिए लड़ाई लड रही हैं। उनके इस प्रयास से सैकड़ों महिलाओं को पेंशन मिलने लगी। कई महिलाएं अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर करने लगीं और कई स्वयं सहायता समूह से जुड़कर रोजगार करने लगी हैं। उन्होंने झोपड़पट्टी के लोगों में उम्मीदों की लौ जला दी हैं।
विज्ञान फाउंडेशन संस्था से जुड़कर गरीबों की करती हैं सेवा
मूलरूप से फैजाबाद की निवासिनी अनुराधा प्रयागराज के म्योराबाद में रहती हैं। वर्ष 2012 में वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए यहां आईं। तभी उनकी मुलाकात छोटी बहन के साथ अंकित पाठक से हुई। उन्होंने बताया कि विज्ञान फाउंडेशन संस्था जो शहरी गरीबों के लिए काम करती है, उसमें एक सीट खाली है। इंटरव्यू देने पर चयन हो गया और उन्होंने समाज सेवा शुरू कर दी। मलिन बस्तियों के बच्चों का स्कूलों में प्रवेश कराने, महिलाओं को प्रेरित करने के अलावा श्रम विभाग में मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराने, झोपडिय़ों को उजडऩे से बचाने के लिए भी आवाज बुलंद करती हैं।
दर्जन भर समूह का कराया गठन
अनुराधा ने अपने प्रयास से दर्जनभर स्वयं सहायता समूहों का गठन कराया। आशा किरण और इंदिरा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन पर राखी बनाकर बेची। अचार, चिप्स, पापड़, कागज के लिफाफे आदि भी तैयार कर रही हैं। महिलाएं अगरबत्ती, नमकीन, मठरी भी बनाने का काम इसी महीने शुरू कर देंगी।
लॉकडाउन में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया
इलाहाबाद हेल्प ग्रुप और अनाम स्नेह परिवार के सहयोग से उन्होंने लॉकडाउन में तीन महीने जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने का काम किया। इसकी वजह से उन्हें घर से निकाल दिया गया था। कहा गया कि घर में बच्चे हैं, इसलिए वह बाहर रहें। चाची के यहां रहकर उन्होंने शहर भर में जरूरतमंदों की मदद कीं।
पौधारोपण अभियान को दे रहीं गति
फरवरी 2020 में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट बनाकर शहर को हरा बनाने के लिए उन्होंने अभियान शुरू किया है। प्रो. एनबी ङ्क्षसह के साथ मम्मफोर्डगंज में डिवाइडर पर इंद्रबेला के 150 पौधे लगवाए। 200 पौधे और लगवाने का लक्ष्य है।
सहायता प्राप्त महिलाओं ने कहा
मेरे पति का निधन होने पर अनुराधा ने दौड़-भाग कर मृत्यु और निवास प्रमाण पत्र बनवाया। उन्होंने पेंशन दिलवाई और कांशीराम आवास योजना में मकान भी दिलवाया। कोई भी समस्या होने पर वह खड़ी रहती हैं। - ऊषा, नेवादा अशोक नगर
2014 में हमारी बस्ती उजाड़ी जाने लगी थी। उस समय अनुराधा ने बस्ती को उजडऩे से बचाया। उन्होंने पेंशन दिलवाया। समूह का भी गठन कराया है। 10 महिलाएं जुड़ गई हैं। जल्द कोई रोजगार शुरू करेंगे। कोई भी सरकारी योजना आती है तो फार्म भरवाकर उसका लाभ भी दिलाती हैं।
- गीता, म्योर रोड राजापुर