इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व वरिष्ठ मंडलीय लेखाधिकारी की अंतरिम जमानत अर्जी की खारिज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग वाराणसी के मंडलीय कार्यालय में वरिष्ठ मंडलीय लेखाधिकारी रहे याची सूर्य प्रताप मिश्र की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग वाराणसी के मंडलीय कार्यालय में वरिष्ठ मंडलीय लेखाधिकारी के रूप में कार्यरत रहे याची सूर्य प्रताप मिश्र की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया है। याची पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत थाना कोतवाली, जिला चंदौली में मुकदमा दर्ज है। याची के खिलाफ भादसं की धारा 193,197, 218, 409, 420, 467, 478, 471, 477-ए, 120-बी व 13 (2), 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में शामिल होना बताया गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने सूर्य प्रताप मिश्र की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि उसे विद्वेषवश झूठा फंसाया गया है। जबकि सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोदकांत व एजीए वैभव आनंद सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह मामला भारी मात्रा में जनता के पैसों के गबन का है। इस कारण याची को अंतरिम जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा कि जमानत अर्जी को देखा व वकीलों की बहस सुना। याची अधिवक्ता ने ऐसा कोई ठोस आधार नहीं बताया जिससे अंतरिम जमानत दी जा सके। अत: अंतरिम अर्जी खारिज की जाती है। परंतु कोर्ट ने याची को छूट दी है कि वह चाहे तो नियमित जमानत के लिए जमानत अर्जी निचली अदालत में दाखिल कर सकता है और लोअर कोर्ट यथासंभव उसी दिन जमानत अर्जी का निस्तारण करें।