Coronavirus effect : बाजार में फंसी है पूंजी तो से कैसे चलें इकाइयां Prayagraj News
बाजार न खुलने से डिमांड नहीं है। व्यापार का कैश फ्लो एकदम बंद है। लॉकडाउन की वजह से लोगों ने भुगतान रोक लिया है। इससे रॉ मैटेरियल खरीदने और माल तैयार करने की शक्ति खत्म हो गई है।
प्रयागराज,जेएनएन। सरकार द्वारा अचानक लॉकडाउन घोषित कर देने से उद्यमियों की बाजार में जो पूंजी फंसी थी। वह उसे निकाल नहीं सके। अब वह अपनी इकाइयां शुरू कर रहे हैं तो उनके सामने मजदूरों की कमी, डिमांड न होने के साथ पूंजी का भी संकट हो गया है। ग्राहक बकाया देने को तैयार नहीं हैं और बैंकों से भी उन्हें पर्याप्त लोन नहीं मिल पा रहा है। इससे उन्हें रॉ मैटेरियल खरीदने में दिक्कतें हो रही हैं। कर्मचारियों का भुगतान भी करना है। सो, उनके सामने इकाई चलाने को लेकर घोर संकट खड़ा हो गया है।
बाजार खुलने का समय भी अटपटा
बाजार खुलने का समय भी अटपटा है। बहुत से लोग सुबह नौकरी और काम पर चले जाते हैं। जो लोग घर पर रहते हैं, इस भीषण गर्मी में दोपहर में वह घर से निकलते नहीं हैं। शाम को खरीदारी का समय होता है, लेकिन छह बजे दुकानें बंद हो जाती हैं।
उद़यमियों का यह है कहना --
बाजार न खुलने से डिमांड नहीं है। व्यापार का कैश फ्लो एकदम बंद है। लॉकडाउन की वजह से लोगों ने भुगतान रोक लिया है। इससे रॉ मैटेरियल खरीदने और माल तैयार करने की शक्ति खत्म हो गई है। बिजली का बिल भी आने लगा है।
वीरेंद्र जायसवाल, डायरेक्टर त्रिवेणी क्वायल इंडस्ट्री
मेरी कंपनी नैनी और बड़ोदरा में भी है। ट्रांसफार्मर का निर्माण होता है। शत-प्रतिशत कच्चे माल की आपूर्ति विदेश से है, जो नहीं हो पा रही है। सरकारी संस्थाओं और दूसरे ट्रांसफार्मर कंपनियों से बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है।
एचसी गिरि, मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप ट्रांसस्कोर प्राइवेट लिमिटेड
बंदी की वजह से कच्चा माल मिलने में दिक्कत हो रही है। रॉ मैटेरियल का रेट भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। मजदूरों की भी कमी है। ऐसे में करीब 50 फीसद ही उत्पादन हो पा रहा है।
रवि अग्रवाल, डायरेक्टर गर्ग टेलीकाम कारपोरेशन लिमिटेड
जब तक बाजार पूरी तरह खुलेगा नहीं, तब तक उत्पाद की डिमांड नहीं होगी। बगैर डिमांड के कंपनी में उत्पादन शुरू नहीं हुआ। कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है। आर्डर मिलना शुरू हो तो उन्हें बुलाया जाए।
दिलीप कुशवाहा, प्रबंधक डी एंड डी इंटरप्राइजेज