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कौशांबी जिले में 2.10 लाख शौचालय बने, फिर भी खुले में शौच

ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों में से लगभग 40 फीसद लोग खुले में शौच करते हैं। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन दम तोड़ रहा है। साथ ही शासन की मंशा पर पानी भी फिरता नजर आ रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 06:26 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 06:26 PM (IST)
कौशांबी जिले में 2.10 लाख शौचालय बने, फिर भी खुले में शौच
कौशांबी जिले में 2.10 लाख शौचालय बने, फिर भी खुले में शौच

कौशांबी,जेएनएन।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की स्वच्छता के लिए दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन लागू किया। इसके तहत जनपद व गांव को ओडीएफ बनाने की पहल शुरू की गई। योजना के तहत नगर पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 2.10 लाख शौचालयों का निर्माण कराया गया है। शौचालयों के निर्माण में अरबों रुपये खर्च हुआ है। बनाए गए अधिकतर शौचालय बदहाल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 40 फीसद लोग शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे है।

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शौचालय निर्माण में मानक की अनदेखी

  स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर परिवार में शौचालय बनाना सरकार की प्राथमिकता है। पंचायतीराज विभाग को शौचालय बनाने की जिम्मेदारी दी गई। अधिकतर शौचालयों का निर्माण प्रधान व सचिव ने कराया। आरोप है कि कुछ शौचालय निर्माण में जिम्मेदारों मानक की अनदेखी भी किया। इसकी वजह से 20 फीसद शौचालय अधूरे है। जो बने भी है उसे ग्रामीण उपयोग में नहीं आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों में से लगभग 40 फीसद लोग खुले में शौच करते हैं। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन दम तोड़ रहा है। साथ ही शासन की मंशा पर पानी भी फिरता नजर आ रहा है।

सभी ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित

डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने बताया कि बेस लाइन सर्व के मुताबिक 2.10 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया है। शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। जांच के बाद कई प्रधान व सचिवों पर कार्रवाई की जा चुकी है। शौचालय का लोग प्रयोग करें। इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा।

शौचालयों में रख दी सामग्री, नहीं करते उपयोग

स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाने वाले शौचालयों में कुछ स्थानों पर प्रधान व सचिव ने खेल भी किया है।

विकास खंड नेवादा के पुरखास व विकास खंड चायल के गिरिया खालसा, हरदुआ गांव के शौचालयों स्थिति बद से बदतर है। यही इन दोनों विकास खंड क्षेत्र में दर्जनों लाभार्थियों ने शौचालय में राशन व मवेशियों के चारा भर रखा है। घटिया मटेरियल से बने शौचालय बारिश में धराशाही हो गए है।


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