कई और मोहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी, हर ओर परेशानी Prayagraj News
खतरे के निशान से 86 सेमी गंगा और 85 सेमी ऊपर बह रहीं यमुना के रौद्र रूप से लोग दहशत में है। शुक्रवार को कई और घरों में पानी भर गया। बाढ़ अभी घटना नहीं शुरू हुई।
प्रयागराज, जेएनएन। खतरे के निशान से 86 सेमी गंगा और 85 सेमी ऊपर बह रहीं यमुना के रौद्र रूप से कई और मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ ही रहा है। केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि शुक्रवार रात यमुना दो सेमी तो गंगा एक सेमी प्रति घंटा बढ़ रहीं थीं। इस वजह से बाढ़ का पानी अब तटीय इलाकों से सटी ऊंचाई वाली बस्तियों में भी घुसने लगा है।
बाढ़ में डूबी हैं बस्तियां
शुक्रवार रात तक शहर के मऊ सरैया, नेवादा कछार, बेली कछार, गंगा नगर, दारागंज की चार बस्तियां, बघाड़ा की दो बस्तियां, सलोरी की दो बस्तियां व सदियापुर की यमुना किनारे की बस्ती पूरी तरह से डूब चुकी है। इन बस्तियों के दस हजार घरों की छतों के ऊपर पानी बह रहा है। यहां के ज्यादातर प्रभावित लोग पलायन कर चुके हैं। इन बस्तियों की गलियां व सड़कें पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं। एहतियातन बिजली की आपूर्ति भी ठप करा दी गई है।
बस्तियों में भी बाढ़ का पानी पहुंचने से दहशत
गंगा और यमुना के उफनाने से तटीय इलाकों के पास में ऊंचाई पर बसी बस्तियों में भी बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है। राजापुर, अशोक नगर, नीवां, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, रसूलाबाद, सलोरी, बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज, ककरहा घाट, करैलाबाग, करेली के कई मोहल्लों में पानी घुस गया। शहर में अब तक 40 मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जबकि लगभग डेढ़ सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि शहर के कई अन्य क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लगभग तीन लाख 25 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के मुताबिक गुरुवार रात और शुक्रवार रात के बीच 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 33 सेमी और यमुना के जलस्तर में 55 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दोनों नदियों का जलस्तर शुक्रवार रात भी बढ़ रहा था। उम्मीद है कि शनिवार से दोनों नदियां स्थिर हो जाएं।
बोाले एडीएम वित्त एवं राजस्व
एडीएम वित्त व राजस्व तथा आपदा एवं राहत प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस की टीमें सक्रिय हैं। इसके साथ ही पांच टीमें राहत सामग्री भी वितरित कर रही हैं। बघाड़ा इलाके में एसीएम प्रथम अजय नारायण सिंह ने 509 लोगों को राहत सामग्री के पैकेट वितरित किए। दरअसल, काफी लोग अब भी मकान की सुरक्षा को लेकर घरों की छत पर हैं। उन्हें ही भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है।
खास-खास
- 3.25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
- 3.5 हजार लोग राहत शिविरों में पहुंचे
- 35 हजार से ज्यादा लोग हुए बेघर
- प्रभावित क्षेत्रों में कम पड़ रहीं नावें
- 02 सेमी यमुना व एक सेमी प्रति घंटा बढ़ रहीं गंगा
- दोनों नदियां उफान पर
- 86 सेमी गंगा और 85 सेमी यमुना बह रहीं खतरे के निशान के ऊपर
आंशिक रूप से चल रहे चार एसटीपी
बाढ़ का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने नैनी और राजापुर स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को बंद कर दिया है, लेकिन चार एसटीपी आंशिक रूप से चल रहे हैं। इन एसटीपी से नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल का कहना है कि सलोरी, नूमायाडाही, कोडरा और पौनघाट का एसटीपी आशिंक रूप से चल रहा है।
एसटीपी न चलने से सीवर का पानी नदी में छोड़ने में परेशानी
नियमित रूप से एसटीपी न चलने के कारण सीवर का पानी नदी में छोड़ने में दिक्कत हो रही है। जलकल विभाग पंपों से सीवर का पानी निकालने में लगा है, लेकिन पूरा पानी निकल नहीं पा रहा है। इसके कारण कई मोहल्लों में सीवर जाम होने की शिकायत है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा खराब है। जहां पर जलभराव नहीं हुआ है, वहां पर जगह-जगह सीवर का गंदा पानी बह रहा है। नालियां जाम हो गई हैं। लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।