रामलीला के शौकीन हैं तो खबर जरूर पढ़ें, पथरचट्टी में इस बार कुछ नया दिखेगा Prayagraj News
पहले रामलीला मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन था। अब हाईटेक युग में बढ़ते मनोरंजन के नित नए साधन के कारण रामलीला के प्रति लोगों में आकर्षण उत्पन्न करने का प्रयास भी हो रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। शारदीय नवरात्र में रामलीला का प्रचलन पुराने समय से है। हां यह अलग बात है कि हाईटेक युग में समय के साथ अब रामलीला के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए नए-नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रयागराज की प्राचीनतम रामलीला कमेटी पथरचट्टी की रामलीला इस बार बदले कलेवर में दर्शकों को नजर आएगी। यांत्रिक पात्रों को बनाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कागज इस बार लुग्दी के नहीं बल्कि फाइबर से बनाए जा रहे हैं। सेट भी आकर्षक बनाए जा रहे हैं। इसमें इस बार अयोध्या, मिथिला और लंका के राज दरबार भव्यता लिए हुए रहेगा।
आकाश मार्ग से उड़ता रावण का रथ दर्शकों को भाएगा
श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की इस साल की रामलीला 'कथा रामराज की' नए कलेवर में दर्शकों को नजर आएगी। सभी यांत्रिक पात्र कागज और लुग्दी से नहीं बल्कि फाइबर से बनाए गए हैं। जो पिछले साल की अपेक्षा अधिक सुंदर और सजीव दिखेंगे। ताड़का, सुरसा, हनुमान, सीता हरण करके आकाश मार्ग से उड़ता रावण का रथ, स्वयं रावण और सीता को भी फाइबर से बनाया जा रहा है।
राजदरबार अनोखे रूप में नजर जाएंगे
कमेटी के प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त 'सौरभ' के अनुसार इस साल अयोध्या, मिथिला और लंका के राजदरबार अनोखे रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे। उनका वैभव और शोभा दर्शनीय होगी। कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पं. मुकेश पाठक, महामंत्री आनंद गिरि, रामलीला संयोजक रामचंद्र पटेल, व्यवस्थापक धर्मेंद्र कुमार आदि पदाधिकारियों की ओर से कार्यों की प्रत्येक दिन समीक्षा भी की जा रही है।