कानपुर से आई आरबीआइ टीम को नहीं मिली रिपोर्ट Prayagraj News
अफसरों ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक विवेक गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों का बयान लिया। करेंसी चेस्ट में लगे सीसीटीवी के फुटेज एवं अन्य दस्तावेज खंगाले।
प्रयागराज,जेएनएन: बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) की टीम बुधवार को करेंसी चेस्ट से रिकार्ड नहीं पा सकी। करेंसी चेस्ट में आरबीआइ फार्मेट की रिपोर्ट नहीं मिली, दरअसल यह रन टाइम एरर बताने लगा। इसलिए रिपोर्ट नहीं निकल सकी। आशंका जताई जा रही है कि इसमें छेड़छाड़ की गई है।
आरोपित है कि बैंक के करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम ने 4.25 करोड़ रुपये चेस्ट से चोरी कर अपने कारोबारी मित्र एसके मिश्रा और उसके बेटे संजू को ब्याज पर चलाने के लिए दिए थे। रकम उन्हें एक मुश्त दी गई अथवा कई बार में, यह स्पष्ट नहीं है। प्रकरण की जांच सोमवार से ही चल रही है। सुबह आरबीआइ की कानपुर शाखा के दो अफसर जांच करने के लिए पहुंचे। अफसरों ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक विवेक गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों का बयान लिया। करेंसी चेस्ट में लगे सीसीटीवी के फुटेज एवं अन्य दस्तावेज खंगाले। अफसरों ने जब चेस्ट में आरबीआइ फार्मेट से रिपोर्ट निकालने के लिए कहा तो सिस्टम रन टाइम एरर बताने लगा। इसलिए रिपोर्ट नहीं निकल सकी। हालांकि, यह फार्मेट मंगलवार तक काम कर रहा था। कल तक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक को आरोपित अफसर का निवास पता नहीं था, लेकिन बुधवार को उन्होंने बताया कि उसका निवास सुलेमसराय में ही है। एसके मिश्रा और उसके बेटे के खाते के बारे में कोई जानकारी नहीं हो सकी। इस बीच लखनऊ से आई टीम रिकार्ड और सीसीटीवी फुटेज लेकर वापस हो गई है।
पूछताछ से बढ़ीं मुश्किलें:
मामले में आरोपित अफसर का पता नहीं है, लेकिन बैंक के अन्य अधिकारियों और स्टॉफ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक अधिकारी ने माना कि जब तक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, पूछताछ से कार्य प्रभावित होता रहेगा।
निगरानी के लिए लगाए कैमरे:
इस बीच करेंसी चेस्ट रूम में आने-जाने वालों की निगरानी के लिए मुख्य गेट पर ही प्राइवेट कैमरे लगवाए गए हैं। यह कैमरे सोमवार को ही लगाए गए।
पुलिस ने मांगा आरोपितों का पता, पूछताछ:
बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से 4.25 करोड़ रुपये चोरी जाने के मामले में पुलिस ने आरोपित वरिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र और संजू मिश्र के पते की जानकारी मांगी है। एफआइआर में तीनों का पता -ठिकाना नहीं है। ऐसे में बैंक प्रबंधन से उनका विवरण मांगा गया है। पुलिस के विवेचक ने बैंक पहुंचकर कर्मचारियों से भी पूछताछ की। सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह का कहना है कि डेली ट्रांजेक्शन और क्लोजिंग बैलेंस रिपोर्ट मिलने पर ही आगे की जांच संभव है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला आर्थिक अपराध शाखा में ट्रांसफर होगा, लेकिन इस बारे में आदेश होने तक जांच जारी रहेगी। अब तक वादी का बयान ही दर्ज हो सका है। आरोपितों के बारे में कोई जानकारी न होने की वजह से पुलिस उनकी तलाश भी नहीं कर पा रही है। सीओ सिविल लाइंस के मुताबिक पुलिस ने मौका मुआयना कर लिया है। करेंसी चेस्ट की जांच के बाद अब बैंक अधिकारियों का बयान दर्ज कराया जाएगा। फिलहाल बैंक की अपनी टीमें अभी जांच कर रही है इसलिए बयान नहीं दर्ज हो सका।