श्रद्धालु पौराणिक अक्षयवट का दर्शन 30 जून तक कर सकेंगे
श्रद्धालु 30 जून तक अक्षयवट का दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद एक माह के लिए अक्षयवट दर्शन बंद हो जाएगा। मार्ग आदि के मरम्मत के लिए एक महीने तक अक्षयवट दर्शन बंद रहेगा।
By Edited By: Published: Fri, 17 May 2019 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 08:06 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। संगम किनारे किला के भीतर स्थित पौराणिक अक्षयवट का दर्शन श्रद्धालु 30 जून तक कर सकेंगे। इसके बाद इसे एक माह के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस अवधि में अक्षयवट जाने वाले मार्ग आदि के मरम्मत का कार्य होगा।
पीएम मोदी की घोषणा के बाद आमजन के लिए खुला था अक्षयवट
बरसों तक किले में कैद अक्षयवट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए कुंभ के दौरान खोला गया। उस दौरान सेना और प्रयागराज मेला प्रशासन की देखरेख में लाखों श्रद्धालुओं ने अक्षयवट के दर्शन किए। मेला खत्म होने के बाद से सेना की निगरानी में अक्षयवट की देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।
सीएम योगी ने पांच मार्च को की थी घाेषणा
पांच मार्च को कुंभ के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्षयवट को 11 माह खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद 31 मार्च को सेना और जिला प्रशासन के अफसरों के बीच हुई बैठक में इसके लिए योजना तैयार हुई। एक जुलाई से अक्षयवट के दर्शन बंद करने का कारण यह भी है कि इस अवधि में संगम क्षेत्र में बाढ़ आ जाती है और बाढ़ का पानी किला समेत लेटे हुए हनुमान मंदिर तक पहुंच जाता है।
बोले, एडीएम सिटी
एडीएम सिटी एके कनौजिया का कहना है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेना के अफसरों के साथ बैठक कर आगे की योजना बनाई जाएगी। कुंभ के दौरान मोदी ने श्रद्धालुओं के लिए अक्षयवट दर्शन की सौगात दी थी। इसके बाद ही अक्षयवट को खोला गया था। कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र अक्षयवट का दर्शन किया था। अब भी हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन करने जाते हैं।
पीएम मोदी की घोषणा के बाद आमजन के लिए खुला था अक्षयवट
बरसों तक किले में कैद अक्षयवट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए कुंभ के दौरान खोला गया। उस दौरान सेना और प्रयागराज मेला प्रशासन की देखरेख में लाखों श्रद्धालुओं ने अक्षयवट के दर्शन किए। मेला खत्म होने के बाद से सेना की निगरानी में अक्षयवट की देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है।
सीएम योगी ने पांच मार्च को की थी घाेषणा
पांच मार्च को कुंभ के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्षयवट को 11 माह खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद 31 मार्च को सेना और जिला प्रशासन के अफसरों के बीच हुई बैठक में इसके लिए योजना तैयार हुई। एक जुलाई से अक्षयवट के दर्शन बंद करने का कारण यह भी है कि इस अवधि में संगम क्षेत्र में बाढ़ आ जाती है और बाढ़ का पानी किला समेत लेटे हुए हनुमान मंदिर तक पहुंच जाता है।
बोले, एडीएम सिटी
एडीएम सिटी एके कनौजिया का कहना है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेना के अफसरों के साथ बैठक कर आगे की योजना बनाई जाएगी। कुंभ के दौरान मोदी ने श्रद्धालुओं के लिए अक्षयवट दर्शन की सौगात दी थी। इसके बाद ही अक्षयवट को खोला गया था। कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र अक्षयवट का दर्शन किया था। अब भी हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन करने जाते हैं।
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