इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आठ विषयों में सीटों से कम आए आवेदन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बार सीटों के सापेक्ष आठ बिषयों में आवेदन कम आए हैं। अब इस बिषय पर प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। छात्रों को सीधे प्रवेश मिलेगा।
By Edited By: Published: Sun, 12 May 2019 06:07 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:08 PM (IST)
प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बार आठ पाठ्यक्रमों में सीटों के सापेक्ष कम आवेदन पड़े हैं। इनमें छह पीजीएटी-2 और दो प्रोफेशनल कोर्स शामिल हैं। ऐसे में इन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी, सीधे प्रवेश दिया जाएगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही दाखिले दिए जाते हैं। यह प्रवेश परीक्षा मेरिट तैयार करने के लिए होती है। इस बार हालात यह हैं कि पीजीएटी-2 के आठ पाठ्यक्रमों में सीटों से कम आवेदन पड़े हैं। ऐसे में इनमें मेरिट की कोई आवश्यकता ही नहीं है। ऐसा इसलिए कि एक सीट पर एक से कम दावेदार होने पर प्रवेश परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है।
जिन आठ पाठ्यक्रमों में सीटों से कम आवेदन हैं, उनमें इंडियन प्रोफेशनल स्टडीज के भी दो कोर्स शामिल हैं। एमवोक इन फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी में 40 सीटें हैं जिसके सापेक्ष 17 आवेदन आए हैं। पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) में 60 सीटों के सापेक्ष 51 आवेदन हैं।
इसी तरह पीजीएटी-2 के एमए इन फिल्म थियेटर में 11 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इसमें केवल छह आवेदन पड़े। एमए इन वुमेन स्टडीज में 18 सीटों के सापेक्ष 15 आवेदन पड़े। एमएससी इन बायो इन्फार्मेटिकस में 22 सीटों के लिए 15 ने आवेदन किया।
एमएससी इन डिजाइन एंड इनोवेशन इन रूरल टेक्नोलॉजी में 17 सीटों के सापेक्ष महज चार ही आवेदन किए गए हैं। एमएससी इन मैटेरियल साइंस में 17 सीटों के सापेक्ष पांच और मास्टर इन डेवलपमेंट स्टडीज (एमडीएस) में 22 सीटों के सापेक्ष 16 आवेदन हुए हैं।
इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.मनमोहन कृष्ण ने बताया कि मार्केट में जिन कोर्सो की डिमांड घट गई है उनमें आवेदन कम आए हैं। जिन पाठ्यक्रमों में आवेदन कम आए हैं उनमें सीधे दाखिला दिया जाएगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही दाखिले दिए जाते हैं। यह प्रवेश परीक्षा मेरिट तैयार करने के लिए होती है। इस बार हालात यह हैं कि पीजीएटी-2 के आठ पाठ्यक्रमों में सीटों से कम आवेदन पड़े हैं। ऐसे में इनमें मेरिट की कोई आवश्यकता ही नहीं है। ऐसा इसलिए कि एक सीट पर एक से कम दावेदार होने पर प्रवेश परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है।
जिन आठ पाठ्यक्रमों में सीटों से कम आवेदन हैं, उनमें इंडियन प्रोफेशनल स्टडीज के भी दो कोर्स शामिल हैं। एमवोक इन फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी में 40 सीटें हैं जिसके सापेक्ष 17 आवेदन आए हैं। पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) में 60 सीटों के सापेक्ष 51 आवेदन हैं।
इसी तरह पीजीएटी-2 के एमए इन फिल्म थियेटर में 11 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इसमें केवल छह आवेदन पड़े। एमए इन वुमेन स्टडीज में 18 सीटों के सापेक्ष 15 आवेदन पड़े। एमएससी इन बायो इन्फार्मेटिकस में 22 सीटों के लिए 15 ने आवेदन किया।
एमएससी इन डिजाइन एंड इनोवेशन इन रूरल टेक्नोलॉजी में 17 सीटों के सापेक्ष महज चार ही आवेदन किए गए हैं। एमएससी इन मैटेरियल साइंस में 17 सीटों के सापेक्ष पांच और मास्टर इन डेवलपमेंट स्टडीज (एमडीएस) में 22 सीटों के सापेक्ष 16 आवेदन हुए हैं।
इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.मनमोहन कृष्ण ने बताया कि मार्केट में जिन कोर्सो की डिमांड घट गई है उनमें आवेदन कम आए हैं। जिन पाठ्यक्रमों में आवेदन कम आए हैं उनमें सीधे दाखिला दिया जाएगा।
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