यह है एसआरएन अस्पताल जो खुद है बीमार, रोगियों की फजीहत
एसआरएन अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के प्रति लापरवाही है। एसी खराब होने से हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड के लिए इंतजार करना पड़ता है।
प्रयागराज : कुछ भी तो नहीं बदला एसआरएन अस्पताल में। कुंभ के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी इस अस्पताल की दशा सुधरी नहीं। हालात ऐसे हैं कि अस्पताल खुद बीमार नजर आता है। यकीन न हो तो जाकर देख लीजिए। बेसहारा जानवरों के लिए आरामगाह बन गया है अस्पताल। पंजीकरण काउंटर पर तो बाकायदा इनका जमघट लगा रहता है। ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन के साथ ये भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते नजर आते हैं। मरीज व तीमारदारों को न तो पीने का शुद्ध पानी मिल पा रहा है न ही स्ट्रेचर। एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड के लिए पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है।
इन समस्याओं से मरीजों व तीमारदारों को जूझना पड़ रहा
-अस्पताल में यदि पेयजल की व्यवस्था देखें तो स्थिति खराब है। लोगों को टंकी का पानी पीना पड़ रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं।
-अस्पताल में स्टे्रचर तो है लेकिन यह मरीजों के लिए नहीं बल्कि दवा ढोने के काम में आता है। तीमारदार अपने मरीज को गोद में उठाकर किसी प्रकार वार्ड या ओपीडी तक ले जाते हैं।
-एमआरआइ व सीटी स्कैन की जांच कराने के लिए मरीजों को दो से तीन माह आगे का नंबर दिया जाता है। एक एक्स-रे मशीन होने के कारण मरीजों की लंबी लाइन लगती है।
-कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट के महिला व पुरुष वार्ड में एसी तो लगा है लेकिन वह खराब है। इनकी मरम्मत कब कराई जाएगी, यह बताने वाला कोई नहीं है। यहां भर्ती मरीज गर्मी से बेहाल हैं।
बोले एसआरएन अस्पताल के अधीक्षक
एसआरएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। एसी तत्काल बनवाया जाएगा।
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