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केबीसी की तर्ज पर बच्चों में 'कौन बनेगा चैंपियन' की प्रतिस्पर्धा

सर्व शिक्षा अभियान के नवाचार कार्यक्रम के तहत प्राथमिक विद्यालय के बच्‍चों के की प्रतिभा निखारने के लिए कौन बनेगा चैंपियन प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 10:25 AM (IST)
केबीसी की तर्ज पर बच्चों में 'कौन बनेगा चैंपियन' की प्रतिस्पर्धा
केबीसी की तर्ज पर बच्चों में 'कौन बनेगा चैंपियन' की प्रतिस्पर्धा

प्रयागराज : प्राथमिक स्‍कूलों के बच्‍चों के अं‍दर छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए सरकार ने अलग तरह की कवायद शुरू की है। रोचकता पैदा करने के लिए मिलेनियम स्‍टार अमिताभ बच्‍चन द्वारा प्रस्‍तुत कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) की तर्ज पर 'कौन बनेगा चैंपियन' कार्यक्रम रखा गया है। सर्वशिक्षा अभियान के नवाचार कार्यक्रम के तहत इस प्रतियोगिता का विस्तार सभी प्राथमिक विद्यालयों में किया जाना है। इसकी शुरूआत साउथ मलाका स्थित प्राथमिक विद्यालय में की गई है। 

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 नवाचार के तहत साउथ मलाका प्राथमिक विद्यालय में अभिनव प्रयोग
प्रतियोगिता का आयोजन सप्ताह में एक दिन (शनिवार) किया जा रहा है। दोपहर में भोजन अवकाश के बाद आयोजित इस प्रतियोगिता के शुरू में गणित, विज्ञान, जनरल नॉलेज, इंग्लिश ग्रामर आदि विषयों पर पांच-छह सवाल बच्चों से पूछे जाते हैं। इसमें जो बच्चा सबसे तेज जवाब देता है, उसे हॉट सीट पर बुलाया जाता है। फिर उसे सारे नियम बताए जाते हैं। इसमें पहले तीन राउंड गुड, वेटर, बेस्ट के होते हैं। अंत में चैंपियन राउंड होता है। इसमें सिर्फ एक लाइफ लाइन 'फोन इन फ्रेंड' होती है। 'हॉट सीट' पर बैठने वाले बच्चे को अगर पूछे गए सवाल कठिन लगता है तो वह अपने एक सहयोगी को बुलाकर मदद ले सकता है। गलत जवाब देने पर दूसरे बच्चे को मौका दिया जाता है। 

उत्तर देने में समय की नहीं रहेगी बाध्यता
बहरहाल, समय की बाध्यता नहीं रहती है। हर राउंड में तीन-तीन प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक राउंड जीतने पर बच्चे को पुरस्कार के तौर पर स्टेशनरी की सामग्रियां दी जाती हैं। यही नहीं प्रतियोगिता के मौके पर उपस्थित शिक्षकों एवं अन्य बच्चों से भी सवाल किया जाता है। सही जवाब देने पर दूसरे बच्चों को भी पुरस्कार दिया जाता है। 

'कंप्यूटर जी' की तर्ज पर टेबल कलेंडर 
इस कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापिका शोभी वर्मा करती हैं। वह बताती हैं कि तिथि वाले टेबल कैलेंडर पर सवाल लिखे जाते हैं। उसी पर मार्किंग होती है, जिसे 'कंप्यूटर जी' कहा जाता है। खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) ज्योति शुक्ला कहती हैं कि यह अच्छी पहल है। नवाचार के तहत इसे शहरी क्षेत्र के सभी प्राथमिक विद्यालयों में लागू कराया जाएगा। 


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