लिपिक ने पत्नी के साथ सास और साले की दी सुपारी, एसटीएफ ने पकड़ा
नैनी जेल से शूटर की जमानत कराई। उसे असलहे दिए कि सास, साले और पत्नी को मार डाले। एसटीएफ ने उसके समेत तीन को पकड़ा।
प्रयागराज : सिंचाई विभाग के प्रधान लिपिक राम अभिलाष पटेल ने घरेलू झगड़े के बाद हद ही कर दी। उसने अपनी पत्नी, सास और साले की हत्या की सुपारी दे दी। साजिश के तहत उसने नैनी सेंट्रल जेल में बंद शूटर की जमानत कराई। फिर लोकसभा चुनाव लड़ चुके एक मित्र के साथ मिलकर शूटर को असलहे, कारतूस मुहैया कराने के साथ आठ हजार रुपये दिए। हत्या के बाद शूटर को लाखों रुपये और दिए जाने थे। शूटर रेकी कर कत्ल की तैयारी कर रहा था तभी एसटीएफ ने उसे गिरफ्त में ले लिया। सुपारी देने वाला प्रधान लिपिक और लोकसभा चुनाव लड़ चुका निष्ठादेव भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीओ एसटीएफ नवेन्दु कुमार के मुताबिक, नवाबगंज के फतुहपुर का रहने वाला राम अभिलाष पटेल सिविल लाइंस स्थित सिंचाई विभाग के आफिस में प्रधान लिपिक है। इन दिनों राम अभिलाष का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा है। वह शांतिपुरम फाफामऊ में मायके में रह रही है। आए दिन ससुराल वाले आफिस में आकर विवाद करते थे। ऐसे में प्रधान लिपिक ने अपने करीबी प्रगतिशील समाज पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके निष्ठादेव के साथ मिलकर पत्नी, साले दीपेश सिंह उर्फ दीपू और सास तारा पटेल की हत्या की साजिश रची।
एसटीएफ इंस्पेक्टर केशव चंद्र राय के मुताबिक, निष्ठादेव ने नैनी जेल में बंद शूटर विपिन सिंह से मिलवाया। जेल जाकर प्रधान लिपिक शूटर से मिला। पत्नी, सास और साले की हत्या की सुपारी दी। फिर योजना के तहत विपिन की जमानत कराई। हत्या की तैयारी होने पर उसे तमंचा, कारतूस और अन्य खर्च के लिए आठ हजार रुपये मुहैया कराए। शूटर विपिन धूमनगंज इलाके में असलहे संग एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। एसटीएफ ने शूटर विपिन सिंह पुत्र बसंत लाल सिंह निवासी मिरईपुर उतरांव, निष्ठादेव पुत्र अयोध्या प्रसाद निवासी सिसई सिपाह मऊआइमा और प्रधान लिपिक राम अभिलाष पुत्र पीताम्बर लाल निवासी नवाबगंज को गिरफ्तार कर धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। तीनों को जेल भेजा जा रहा है।
30 लाख में तय थी झूंसी के संतोष यादव की हत्या :
नैनी जेल से जमानत पर रिहा हुए शूटर विपिन सिंह ने तीस लाख रुपये में झूंसी के संतोष यादव की हत्या की सुपारी भी ली थी। यह सुपारी जेल शूटआउट कांड में नैनी जेल में बंद लादे यादव ने दी थी। संतोष यादव ज्ञानचंद्र यादव का भाई है। ज्ञानचंद्र की हत्या पहले हो चुकी है।