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कोटे की 33 दुकानें निलंबित, 14 निरस्त

जिले में सवा दो करोड़ का खाद्यान्न घोटाला सामने आया है। इसमें 33 राशन डीलरों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। 90 लाख की रिकवरी भी हई है। आपूर्ति विभाग ने अब 33 दुकानों को निलंबि कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 06:20 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 06:20 AM (IST)
कोटे की 33 दुकानें निलंबित, 14 निरस्त
कोटे की 33 दुकानें निलंबित, 14 निरस्त

जासं, इलाहाबाद : खाद्यान्न घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है। शहर की 30 और शंकरगढ़ की तीन राशन की दुकानें निलंबित कर दी गई हैं। इसके साथ ही शहर की 14 राशन दुकानें निरस्त कर दी गई हैं। निलंबित दुकानों को आसपास की दुकानों से संबद्ध किया जा रहा है जबकि निरस्त दुकानों को जल्द ही किसी अन्य को आवंटित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी।

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जिले में लगभग सवा दो करोड़ रुपये का खाद्यान्न घोटाला सामने आया है। इसमें 33 राशन डीलरों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके अलावा लगभग एक करोड़ 90 लाख रुपये की रिकवरी भी कोटेदारों से करा ली गई। अब आगे की कार्रवाई करते हुए जिला पूर्ति विभाग ने उन सभी 33 दुकानों को निलंबित कर दिया, जिनके डीलरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके अलावा 14 दुकानों को निरस्त भी कर दिया गया है। जिला पूर्ति अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि निलंबित दुकानों को आसपास स्थित दुकानों से अटैच किया जा रहा है। जो दुकानें निरस्त की गई हैं उन्हें भी अभी पास की दुकानों से अटैच कर दिया गया है। हालांकि निरस्त दुकानों को आवंटित करने की जल्द ही प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी। इन इलाकों की दुकानों पर कार्रवाई

शहर के जार्जटाउन की तीन, टैगोर टाउन की एक, राजापुर की एक, अल्लापुर, दारागंज व मुट्ठीगंज की 11, फाफामऊ की तीन, मुंडेरा की दो, चौक इलाके की दो तथा शहर के अन्य हिस्से की 10 दुकानें निलंबित की गई हैं। इसके अलावा दारागंज, अल्लापुर, मुट्ठीगंज, मुंडेरा की दुकानें निरस्त की गईं।

कई डीलरों ने दूसरी दुकान लेने से किया इन्कार

कई राशन डीलरों ने दूसरी दुकान लेने से इन्कार कर दिया है। अफसर मान-मनौव्वल में जुटे हैं। बताते हैं कि जो दुकानें निलंबित और निरस्त की गई हैं उनके पास की दुकानों से उन्हें संबद्ध किया जा रहा है। ऐसे में जिन दुकानों से निलंबित और निरस्त दुकानें अटैच की जा रही हैं उनके डीलर इससे इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके सामने सबसे बड़ी समस्या जगह की है। वे खाद्यान्न उठाएंगे तो रखने की जगह उनके पास नहीं है।

ई-पॉस मशीनों में दूर नहीं हो सकी गड़बड़ी

ई-पॉस मशीनों से अब भी गड़बड़ी दूर नहीं हो सकी है। कई दुकानों की ई-पॉस मशीनें जमा कर ली गई थीं। खाद्यान्न उठने के बाद ई-पॉस आवंटित कर दी गईं, मगर अब भी उनमें गड़बड़ी सामने आ रही हैं। किसी में कार्डधारकों के नाम न अपलोड होने की तो किसी में उन कार्डधारकों के नाम अब भी हैं जिन्हें काली सूची में डाला गया था।


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