कोविड गाइडलाइन से 17 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन सात माह हैं ठप, यात्री हो रहे परेशान Prayagraj news
प्रयागराज जंक्शन से झांसी चुनार-चोपन पैसेंजर और सूबेदारगंज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के लिए पैसेंजर ट्रेन चलाई जाती थी। इससे प्रतिदिन करीब दो हजार यात्री आते-जाते थे। सरकार ने अनलॉक के साथ सहूलियत दी। लेकिन पैसेंजर ट्रेन नहीं चलाने से दैनिक यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
प्रयागराज, अतुल यादव। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही लोकल ट्रेनें बंद है। प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग और रामबाग से चारों दिशाओं के लिए लोकल ट्रेनें है। इनसे रोजाना हजारों लोगों का आवागमन होता था। इसके जरिए आसपास जिलों के लोग आते जाते थे और उनका रोजी रोजगार चलता था। यह ट्रेनें लाइफलाइन की तरह थीं। लेकिन, इनके बंद होने से लोगों को दूसरे साधनों यानि बस, टेंपो, मैजिक या निजी वाहनों से आना जाना पड़ता है, जो महंगा पड़ रहा है।
17 जोड़ी ट्रेनों का संचालन है बंद
दरअसल, मार्च में कोविड की चेन तेजी से बढ़ रही थी। इस पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था। तभी से ट्रेन के पहिए भी थमे हैं। स्थितियां सुधरीं तो मुंबई समेत तमाम शहरों में लोकल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया। लेकिन, उत्तर रेलवे के प्रयाग जंक्शन से संचालित होने वाली 17 जोड़ी ट्रेनों का संचालन अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। जौनपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, अयोध्या समेत आसपास जिले से करीब छह-सात हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा करते थे। लेकिन, उन्हें अब निजी साधन से सफर करना पड़ रहा है। उधर, प्रयागराज सिटी (पहले रामबाग सिटी) से चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाती थीं, जो कोरोनाकाल में बंद हैं। यहां से करीब तीन हजार लोग प्रतिदिन आवागमन करते थे। वहीं, प्रयागराज जंक्शन से झांसी, चुनार-चोपन पैसेंजर और सूबेदारगंज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के लिए पैसेंजर ट्रेन चलाई जाती थी। इससे प्रतिदिन करीब दो हजार यात्री आते-जाते थे। सरकार ने अनलॉक के साथ सहूलियत दी। लेकिन, पैसेंजर ट्रेन नहीं चलाने से दैनिक यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने पैसेंजर ट्रेन चलवाने की मांग की है।
बोलीं सांसद और यात्री
सांसद केशरी देवी पटेल ने इस मसले पर कहा कि रेल मंत्री से वार्ता करके स्पेशल ट्रेन चलवाने का प्रयास किया जाएगा। ताकि दैनिक यात्रियों को दिक्कत न हो। उम्मीद है कि कोई समाधान निकल आएगा। ट्रेनों पर एक यात्री अधिवक्ता सैयद नदीम अहमद का कहना था कि फूलपुर से अक्सर कचहरी और हाईकोर्ट में पैरवी करने के लिए आना पड़ता है। पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से निजी साधन से जाना पड़ रहा है। और स्थानीय लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।